क्या है Universal Basic Income (UBI) और क्यों हो रही है इसकी चर्चा?
जैसे-जैसे दुनिया भर में आर्थिक असमानता बढ़ रही है, वैसे-वैसे सरकारें और शोधकर्ता नई आर्थिक योजनाओं पर विचार कर रहे हैं। उन्हीं में से एक है Universal Basic Income (UBI) या ‘सार्वभौमिक मूलभूत आय’ का विचार। ये योजना ऐसी है जिसमें सरकारें अपने नागरिकों को बिना किसी शर्त के एक निश्चित राशि प्रदान करती हैं, ताकि जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
2025 तक, कई देशों में इस पर ट्रायल हो रहा है और इसके नतीजे देखने के लिए पूरी दुनिया उत्सुक है। यह योजना खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी हो सकती है जो मजदूरी में अस्थिरता या बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि किन देशों में इसकी शुरुआत हो रही है और इससे क्या लाभ हो सकते हैं।
वर्तमान में कौन से देश कर रहे हैं UBI के ट्रायल?
हालांकि किसी भी देश ने अभी तक पूरी तरह से राष्ट्रीय स्तर पर UBI लागू नहीं किया है, लेकिन कई देश प्रायोगिक योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
- फ़िनलैंड: 2017-2018 में इसने 2,000 बेरोजगार लोगों को मासिक आय देने का पायलट किया। इस प्रयोग का उद्देश्य था रोजगार में सुधार और सामाजिक सुरक्षा में बढ़ोतरी।
- कानाडा: कुछ प्रांतों में UBI से जुड़ी परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें गरीब परिवारों को स्थायी आय सुनिश्चित की जा रही है।
- अमेरिका: विभिन्न राज्यों में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स के माध्यम से इस योजना का परीक्षण हो रहा है, खासकर बेरोजगारी और वंचित वर्ग के लिए।
- यूरोपियन देशों: नीदरलैंड, स्वीडन आदि में भी सरकारें इस पर अनुसंधान कर रही हैं।
इन प्रायोगिक प्रयासों से प्राप्त जानकारियां भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू करने में मदद कर सकती हैं।
20125 में होने वाली ट्रायल का उद्देश्य और अपेक्षाएँ
क्यों हो रहा है यह ट्रायल?
यह ट्रायल मुख्य रूप से यह देखने के लिए हो रहा है कि क्या UBI सामाजिक सुरक्षा, गरीबी उन्मूलन और रोजगार की स्थिरता को बेहतर बना सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह योजना समाज में आर्थिक असमानता को कम करने में मदद कर सकती है।
क्या हैं अपेक्षित लाभ?
- गरीबी कम होना: बिना शर्त पैसा मिलने से वंचित वर्ग की जिंदगी आसान हो जाती है।
- रोजगार के प्रति नई सोच: लोग अपना समय और ऊर्जा नई कौशल सीखने या सामाजिक कार्यों में लगा सकते हैं।
- कृषि और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन: अधिक वित्तीय स्थिरता से लोग छोटे व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
यह सभी बातें मिलकर सामाजिक और आर्थिक बदलाव का संकेत देती हैं।
चुनौतियों और विवादों का सामना
जहाँ एक ओर UBI के फायदे देखे जा रहे हैं, वहीं इसकी चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अनेक विशेषज्ञ और नीति निर्माता कहते हैं कि:
- आर्थिक बोझ: यह योजना सरकारों के लिए भारी वित्तीय दायित्व बन सकती है।
- सत्ता का दुरुपयोग: बिना शर्त पैसा मिलने से कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी कर सकते हैं।
- वास्तविकता का आंकलन: यह जरूरी है कि कौन कितना और कब प्राप्त करे, इसकी निगरानी भी जरूरी है।
इसे ध्यान में रखते हुए, कई देशों में यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है।
विशेषज्ञों की राय और भविष्य की दिशा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता इस योजना का समर्थन कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि सामाजिक सुरक्षा योजनाएं सीधे जीवन स्तर में सुधार कर सकती हैं।
डॉ. Evelyn Forget, कनाडा की अर्थशास्त्री, कहती हैं कि “UBI समाज को स्वायत्त बनाता है और मजदूरी पर निर्भरता कम करता है”। वहीं, RBI भी इस योजना पर अध्ययन कर रहा है कि इससे आर्थिक स्थिरता कैसे बढ़ सकती है।
आखिरकार, यह योजना समाज में बदलाव लाने का एक बड़ा कदम हो सकती है, बशर्ते इसे सही ढंग से लागू किया जाए।
निष्कर्ष और आगामी संभावना
इस समय विश्व के कई देश इन नए प्रयोगों पर विचार कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि भविष्य में Universal Basic Income का महत्त्व बढ़ेगा। यदि ये परीक्षण सफल रहते हैं, तो यह पूरी दुनिया में सामाजिक सुरक्षा का नया मॉडल बन सकता है।
ऐसे में, हमें उम्मीद है कि सरकारें और नीति निर्माता इन योजनाओं को विस्तार से समझें और सामाजिक व आर्थिक सुधार के लिए सही कदम उठाएं।
आप इस विषय पर अपनी राय क्या रखते हैं? नीचे कमेंट करें और हमें बताएं कि आप इस योजना को कैसे देखते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप Newsweek की इस रिपोर्ट को देख सकते हैं।