तेलंगाना पुलिस का बड़ा खुलासा: नकली कॉल सेंटर नेटवर्क से लोगों को धोखा, नौ को गिरफ्तार

तेलंगाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर नकली कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया

तेलंगाना पुलिस ने शनिवार को हैदराबाद में एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस नेटवर्क का उद्देश्य भारत और अमेरिका के लोगों को फर्जी कॉल सेंटर के जरिए धोखा देना था। पुलिस ने इस कार्रवाई में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपने जाल में फंसाकर हजारों लोगों को ठगा है।

फर्जी कॉल सेंटर की पूरी कहानी: धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड

पुलिस ने बताया कि यह गिरोह उच्च श्रेणी के फर्जीवाड़े में शामिल था, जिसमें वे पीड़ितों को उनके बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लूटने के मकसद से फिशिंग ईमेल और फोन कॉल के जरिए प्रभावित करते थे। गिरोह का मुख्यालय हैदराबाद में एक विला में था, जहां से वे डिजिटल उपकरणों के जरिए अपने अपराध को अंजाम देते थे।

गिरफ्तार आरोपियों का संबंध कोलकाता से है, जो अपने जबरदस्त मास्किंग और सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों के साथ कार्य कर रहे थे। उनका दावा था कि वे PayPal, Geek Squad, Credit Card Companies जैसे सम्मानित संस्थानों के प्रतिनिधि हैं। इनका मकसद था, पीड़ितों को झांसे में लेकर उनके बैंक खातों और व्यक्तिगत डिटेल्स को हासिल करना।

धोखाधड़ी के तरीके: फिशिंग से लेकर रिमोट एक्सेस

धोखाधड़ी की प्रक्रिया

अभियुक्त पीड़ितों को फिशिंग ईमेल भेजते थे, जिसमें उन्हें अपने रजिस्ट्रेशन या खाता संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए कॉल करने के लिए कहते थे। जब पीड़ित कॉल करते, तो उन्हें विश्वास दिलाया जाता कि उनके खाते में कोई धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद, आरोपियों द्वारा रिमोट एक्सेस टूल्स जैसे कि AnyDesk का इस्तेमाल कर कंप्यूटर का नियंत्रण हासिल किया जाता था।

इसी प्रक्रिया में, पीड़ितों से बैंक ट्रांजेक्शन विवरण, पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारी ली जाती थीं। वे पीड़ितों को धमकाते भी थे, जैसे कि नकली ड्रग ट्रैफिकिंग, वीडियो लीक या मानव तस्करी का आरोप लगाकर डराने की कोशिश की जाती थी।

विशेष टारगेट: बुजुर्ग और महिलाएं

पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को निशाना बनाया। वे इन लोगों से अक्सर कानून-व्यवस्था या न्यायालय के अधिकारी बनकर संपर्क करते थे, ताकि आसानी से पैसा निकलवाया जा सके।
गिरोह ने नकली बैंकिंग ऐप, स्पूफ्ड ईमेल और सोशल इंजीनियरिंग का प्रयोग कर अपना जाल फैलाया।

पुलिस की चेतावनी और सुरक्षा सुझाव

पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध ईमेल या कॉल का जवाब न दें। यदि किसी को बैंक या ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म से समर्थन का दावा करने वाला संदेश प्राप्त हो, तो उसे आधिकारिक वेबसाइट से जांचना चाहिए।
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। आप MeitY (मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी) या संबंधित साइबर क्राइम सेल से संपर्क कर सकते हैं।

प्रशासनिक कार्रवाई और आगे की दिशा

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है। डिजिटल फोरेंसिक टीम डेटा का विश्लेषण कर रही है और मामले में और भी कड़ियाँ उजागर होने की उम्मीद है। पुलिस द्वारा यह भी कहा गया है कि ऐसे जालसाजी नेटवर्क का नेटवर्क खत्म करना सरकार की प्राथमिकता है।

मीडिया और सामाजिक प्लेटफ़ॉर्म पर जागरूकता जरूरी

सामाजिक मीडिया का सहारा लेकर जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए सोशल इंजीनियरिंग से सावधान रहें और अनजान लिंक या फिशिंग ईमेल पर क्लिक न करें।
सरकार और पुलिस विभाग भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर इस तरह के मामलों की जानकारी और सुरक्षा सुझाव साझा कर रहे हैं।

निष्कर्ष और समापन

यह घटना साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती है, जहां अपराधी तकनीकी उपकरणों का दुरुपयोग कर अपना जाल फैलाते हैं। पुलिस की सक्रियता और जनता की जागरूकता इन जालसाजों के मंसूबों को विफल कर सकती है।
आम नागरिकों को सतर्क रहने और अपने व्यक्तिगत विवरणों का सुरक्षात्मक तरीके से संरक्षण करना चाहिए। ऐसा करके ही हम अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित बना सकते हैं।

आपको इस खबर पर क्या राय है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें। अधिक अपडेट के लिए [आधिकारिक साइबर क्राइम रिपोर्ट](https://www.rbi.org.in/) या [पुलिस की वेबसाइट](https://www.police.gov.in) पर नजर रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *