परिचय: तेजी से बढ़ रहा है Technetium-99m का बाजार
आज के दौर में मेडिकल तकनीक में हो रहे अविष्कार और रोगों की बढ़ती हुई संख्या ने Diagnostic Imaging की पद्धतियों को और अधिक आवश्यक बना दिया है। इसके बीच, Technetium-99m (Tc-99m) नामक रेडियोधर्मी आयसोटोप का उपयोग दुनिया भर में व्यापक रूप से हो रहा है। नए रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बाजार 2024 में लगभग 4.61 अरब डॉलर से बढ़कर 2031 तक लगभग 6.29 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, यानी आने वाले वर्षों में इसकी मांग मजबूत होगी।
Technetium-99m क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
Technetium-99m का सबसे बड़ा फायदा इसकी उच्च विश्वसनीयता और यूज में आसानी है। यह रेडियोधर्मी आयसोटोप शरीर में जीवित अंगों और ऊत्तकों की तस्वीरें लेने के लिए प्रयोग होता है। इसकी खासियत है कि इसकी आधे जीवन का समय लगभग छह घंटे का है, जिससे कम विकिरण विकिरण के साथ प्रभावी इमेजिंग संभव हो पाती है।
यह आयसोटोप ब्रेन, हृदय, हड्डियों, फेफड़ों, किडनी, थायरॉयड और जिगर जैसी महत्वपूर्ण हृदय और शारीरिक अंगों की जांच में मदद करता है। इसी वजह से मेडिकल क्षेत्र में इसकी बड़ी डिमांड है।
मेडिकल क्षेत्र में इसकी बढ़ती मांग के कई कारण
- कैंसर और हृदय रोगों की बढ़ती संख्या: विश्वभर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2020 में 19.3 मिलियन से अधिक नए कैंसर के केस दर्ज हुए थे। अब यह संख्या 2040 तक लगभग 30.2 मिलियन होने का अनुमान है। इसी तरह, हृदय रोग भी महामारी की तरह फैल रहे हैं।
- उन्नत डायग्नोस्टिक तकनीक की जरूरत: इन बीमारियों की जल्दी और सटीक पहचान के लिए बेहतर इमेजिंग तकनीक की आवश्यकता होती है। Tc-99m आधारित साइंटिफिक उपकरण इन्हीं आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
- आधुनिक तकनीक से ऊँची क्वालिटी वाली इमेजिंग: नई पीढ़ी के SPECT और SPECT/CT जैसे उपकरणों की मदद से इमेजिंग की क्वालिटी बेहतर हो रही है। इससे डॉक्टर्स को मरीज की सटीक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है।
बाजार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा
North America इस बाजार का मुख्य हिस्सा है, जहां मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत है और बीमारियों की संख्या भी अधिक है। वहीं, Asia Pacific क्षेत्र तेज़ी से उभर रहा है। यहाँ पर स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश और नई तकनीकों का उपयोग बढ़ रहा है। विशेष रूप से भारत और चीन जैसी देशों में डायग्नोस्टिक सेवाओं को अपनाने की प्रवृत्ति तेज़ हो रही है।
रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, नई तकनीकों जैसे cyclotron-आधारित Tc-99m उत्पादन, इमेजिंग उपकरणों में सुधार, और ऑटोमेशन ने इस बाजार को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। इन तकनीकों से कारखानों का संचालन अधिक सुरक्षित और लागत प्रभावी हो रहा है।
तकनीकी नवाचार और बाजार की विस्तार योजना
- साइकलोट्रोन आधारित उत्पादन: यह नई तकनीक पुराने नाभिकीय रिएक्टरों पर निर्भरता को कम कर रही है। इससे Tc-99m की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
- इमेजिंग उपकरणों का विकास: नई पीढ़ी के SPECT/CT मशीनें अधिक बेहतर रिज़ॉल्यूशन और सटीकता प्रदान कर रही हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग: AI और मशीन लर्निंग का उपयोग इमेज विश्लेषण में हो रहा है, जिससे तेज़ और अधिक विश्वसनीय रिपोर्ट मिलती है।
इन सभी तकनीकों का संयोजन इस क्षेत्र में निवेश और अनुसंधान को प्रोत्साहित कर रहा है। इससे आने वाले वर्षों में न केवल वित्तीय लाभ होगा, बल्कि मरीजों को भी उच्च गुणवत्ता वाली सेवा मिलेगी।
निष्कर्ष: स्वास्थ्य सेवा में तकनीक का बदलाव
Technetium-99m आधारित डायग्नोस्टिक तकनीकें भविष्य में बीमारी की पहचान और उपचार योजना बनाने में अहम साबित होंगी। जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ रही है और नई तकनीकों का उपयोग बढ़ रहा है, यह क्षेत्र और भी विकसित होता जाएगा। इससे न केवल मेडिकल सेक्टर के लिए नए अवसर बनेंगे, बल्कि मरीजों को भी त्वरित और सटीक इलाज मिलने की संभावना बढ़ेगी।
आखिरकार, इन नवाचारों का मकसद है मानव जीवन की क्वालिटी को बेहतर बनाना और चिकित्सा सेवा को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना। यह भी जरूरी है कि सरकारें और निजी क्षेत्र मिलकर इन तकनीकों को विकसित करने और फैलाने में सहयोग करें।
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अधिक जानकारी के लिए, आप WHO की वेबसाइट पर जाकर कैंसर और संबंधित बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय का ट्विटर अपडेट भी फॉलो कर सकते हैं।