Supreme Court ने Chandraprakash Yadav का नाम NIM (National Institute of Management) की परीक्षा में हेरफेर के मामले से क्लियर कर दिया है। इस फैसले के बाद, उनके खिलाफ पिछले कई महीनों से चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का चक्र समाप्त हो गया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि Chandraprakash Yadav पर लगे सभी आरोप निराधार हैं और उन्हें इस मामले से जुड़े किसी भी दोष से बरी किया जाता है।
यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि NIM की परीक्षा में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया है, जिससे कई उम्मीदवारों का करियर प्रभावित हुआ है। इस मामले की जांच के दौरान कई नाम सामने आए थे, जिनमें से एक नाम Chandraprakash Yadav का भी था।
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी जांच के बाद कहा कि जिन आरोपों का आधार था, वे असत्य हैं। इस फैसले से न केवल Chandraprakash Yadav का नाम साफ हुआ है, बल्कि यह परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी बल देता है।
यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में हो रही धांधली और हेरफेर के खिलाफ एक मजबूत संदेश है, जो छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को बहाल करने में मदद करेगा। अब, Chandraprakash Yadav अपने भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं, बिना किसी झंझट के।