सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को आदेश: रूस की पत्नी और बच्चे की खोज के लिए LOC जारी करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (17 जुलाई 2025) को एक महत्वपूर्ण आदेश में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत ही रूस की महिला और उसके बच्चे का पता लगाएं। साथ ही, केंद्र को यह भी निर्देशित किया गया है कि वह महिला और बच्चे के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करे ताकि वे देश छोड़कर न जा सकें। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह आदेश दिया कि महिला का पासपोर्ट जब्त किया जाए और सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों एवं पोर्ट्स को सूचित किया जाए। इस आदेश का मकसद महिला और बच्चे को देश से बाहर जाने से रोकना है। मामला एक भारतीय पिता और उसकी रूसी पत्नी के बीच बच्चे की हिरासत को लेकर चल रहा था, जिसमें महिला कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही थी। पिता का आरोप है कि वह 7 जुलाई से अपनी पत्नी और बच्चे का पता नहीं लगा पा रहा है। कई शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीठ ने कहा कि पिता को आशंका है कि महिला ने कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए प्रक्रिया का उल्लंघन किया है। उसने 4 जुलाई 2025 को महिला को रूसी दूतावास के पीछे से प्रवेश करते देखा है, और यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बच्चे को सुरक्षा प्रदान नहीं की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विदेश मंत्रालय से कहा कि वे रूसी दूतावास के अधिकारियों से संपर्क करें और उस दूतावास के कर्मचारी के आवास में प्रवेश की अनुमति मांगे, जिनके साथ महिला आखिरी बार देखी गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी राजनयिक कर्मचारी ने देश के कानून का उल्लंघन किया है, तो कानून अपने आप कार्य करेगा। फिलहाल, कोर्ट ने रूसी दूतावास के उच्च अधिकारियों से भारतीय अधिकारियों की सहायता करने को कहा है। कोर्ट को मिली जानकारी के आधार पर महिला की स्थिति का आकलन किया जा रहा है और उसके बारे में अस्पष्ट जवाब मिलने पर गंभीर संदेह व्यक्त किए गए हैं। इस आदेश को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी, दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है। साथ ही, सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों एवं पोर्ट्स को सूचित करने का निर्देश भी दिया गया है कि महिला और बच्चे को देश छोड़ने की अनुमति न दी जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 18 जुलाई को तय की गई है, जिसमें संबंधित अधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में कोर्ट ने पहले ही कहा था कि बच्चे को सप्ताह में तीन दिन मां के custody में और बाकी दिनों पिता के custody में रखने का आदेश है। महिला की रूसी नागरिकता है और वह 2019 से भारत में रह रही है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों की निगरानी भी सुनिश्चित की है।

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