सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपने विद्यालयों में मानक ग्रेडिंग सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू करें। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और मानकों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि शिक्षण संस्थानों की पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और मानकों को लेकर देशभर में जागरूकता बढ़ रही है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस नई प्रणाली से छात्रों को अपनी प्रगति का स्पष्ट और मापनीय आकलन मिलेगा, जिससे वे अपनी कमजोरियों को पहचान कर सुधार कर सकते हैं।
राज्यों को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रणाली को जल्द से जल्द लागू करें और इसके प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक संसाधनों और प्रशिक्षण का प्रबंध करें। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2024-25 तक यह प्रणाली पूरे देश में व्यापक स्तर पर स्थापित हो जाए।
इस कदम से शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और छात्रों की शैक्षिक सफलता के साथ-साथ शिक्षकों और स्कूलों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। इससे देश के सभी विद्यार्थियों को समान अवसर और उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।