परिचय: PSU स्टॉक्स का हाल और क्या है आगे की राह?
2025 में भारतीय शेयर बाजार में सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों (PSU) के स्टॉक्स ने अपनी गति खो दी है। बीते एक साल में, बीएसई PSU इंडेक्स करीब 12 प्रतिशत गिर चुका है, जबकि सेंसेक्स में एक मामूली 1.3 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। इससे निवेशकों की कुल संपत्ति करीब 10 लाख करोड़ रुपये कम हो गई है।
मूल्यांकन और पिछले वर्षों का परिदृश्य
पिछले कुछ वर्षों में PSU स्टॉक्स ने जबरदस्त रैली दिखाई थी। FY20 से FY23 तक, इन कंपनियों का प्रदर्शन शानदार रहा। FY21 में इनका इंडेक्स 50 प्रतिशत बढ़ा, और FY24 में यह 92 प्रतिशत की रफ्तार से ऊपर गया। यह उछाल मुख्य रूप से अच्छी कमाई, बेहतर गवर्नेंस और सुधार को प्रभावित करती नीतियों का परिणाम था।
इस रैली का आधार था इन कंपनियों का औसत 36 प्रतिशत का CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट), जो भारतीय अर्थव्यवस्था में इनका महत्व दर्शाता है। इन कंपनियों का कुल मुनाफा भारत में कुल आय का लगभग 38 प्रतिशत है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।
आर्थिक सुधार और निवेशकों का विश्वास
कुछ वर्षों में, सरकार और संबंधित संस्थानों ने PSU कंपनियों में सुधार के कई कदम उठाए। इससे न केवल इन कंपनियों का मूल्यांकन बढ़ा, बल्कि निवेशक भी इनमें भरोसा करने लगे। कई PSU नामों को मजबूत आय, बेहतर प्रबंधन और रिफॉर्म्स के कारण फिर से बाजार में रेटिंग मिली।
हाल का मंदी का दौर और उसके कारण
हालांकि, अभी कुछ समय से इन कंपनियों का प्रदर्शन स्थिर या गिरावट की ओर है। वित्तीय वर्ष 2025 में, इन कंपनियों की समेकित लाभ (consolidated profit) में 2.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पिछले वर्ष की तुलना में, जब FY24 में लाभ 49 प्रतिशत से बढ़ा था, तब यह गिरावट अचानक आई।
विशेष रूप से तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों, जैसे IOC, HPCL, BPCL, ONGC आदि, को क्रूड आयल की कीमतों में अस्थिरता का खामियाजा भुगतना पड़ा। इन कंपनियों ने अपने मुनाफे में 30 से 90 प्रतिशत तक की भारी गिरावट देखी है।
बाजार में निवेशकों की प्रतिक्रिया और अगले कदम
गौरतलब है कि इस गिरावट के चलते, निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया है। बीते एक साल में, लगभग 80 प्रतिशत PSU स्टॉक्स ने नकारात्मक रिटर्न दिए हैं। खासतौर पर बैंकिंग और इंडस्ट्रियल सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। पंजाब एवं सिंध बैंक, UCO बैंक, IRCON, IREDA जैसी कंपनियों में 35 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।
लेकिन, यह भी जरूरी है कि हम यह समझें कि इन गिरावटो के बावजूद, पिछले 3 से 5 वर्षों में इन कंपनियों ने डबल-डिजिट CAGR रिटर्न दिया है। इसका मतलब है कि इन मौजूदा गिरावट का लंबे समय में असर कम होगा।
मल्टीपल, मार्केट कैपिटलाइज़ेशन और आगे की राह
बीएसई PSU इंडेक्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन जुलाई 2024 में रिकॉर्ड 74 लाख करोड़ रुपये पहुंचा था। इसके बाद, यह 31 प्रतिशत गिरकर फरवरी 2025 में 51 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। हाल ही में स्थिति में सुधार हुआ है और यह अभी 64 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है।
वैल्यूएशन के लिहाज से, पी/ई (Price to Earnings) मल्टीपल भी घट गया है। जुलाई 2024 में यह 14x था, जो अब घटकर लगभग 12.2x पर आ गया है। यह संकेत है कि बाजार ने इन कंपनियों के स्टॉक्स को अधिक ऑफर करने के लिए मूल्यांकन में कटौती की है।
आगे के सुझाव: कब और कैसे निवेश करें?
अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी भी PSU सेक्टर में अवसर छिपे हैं। खासतौर पर रक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में सुधार की संभावना बनी हुई है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश को diversify करें और लंबी अवधि के लिए सोचें।
याद रखें, बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन सही रणनीति और सूझबूझ से आप इन मंदी के दौर से भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
निष्कर्ष: कठिनाइयों के बीच भी आशा की किरण
इस साल के उतार-चढ़ाव के बावजूद, PSU कंपनियों का दीर्घकालिक महत्व अब भी बना हुआ है। भारत सरकार ने सुधारों का सिलसिला जारी रखा है, जिससे इन कंपनियों की भविष्य की संभावनाएं मजबूत होती दिख रही हैं। निवेशकों को चाहिए कि वे बाजार की चाल को समझदारी से देखें और अपने पोर्टफोलियो को स्थिरता और दीर्घकालिक लाभ के आधार पर मजबूत करें।
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