लेह में स्कूल शिक्षा का अवलोकन: PSC की बैठक ने क्या बताया?
लेह, 2023: केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में हाल ही में स्कूल शिक्षा पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति (PSC) द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें सरकार और शिक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लद्दाख क्षेत्र में स्कूल शिक्षा की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना और आवश्यक सुधारों पर चर्चा करना था।
बैठक का उद्देश्य और मुख्य एजेंडा
इस बैठक की अध्यक्षता किए गए थे सांसद और समिति के अध्यक्ष, डिग्विजय सिंह। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि हम अवसंरचना का विकास करें, लोकल भाषाओं और संस्कृति को शिक्षा में शामिल करें, और दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी सुधारें। मुख्य एजेंडा इस दिशा में व्यावहारिक कदम उठाने पर केंद्रित था, जिसमें सुशिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य था।
डाटा और रिपोर्टिंग का विश्लेषण
बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट में केंद्र सरकार के विभाग, शिक्षा मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार, अ. सिरजा ने लेह के स्कूल शिक्षा के आंकड़ों का विश्लेषण प्रस्तुत किया। रिपोर्ट में शामिल थे:
• पूर्वाधार, छात्र संख्या, शिक्षक संख्या और स्कूल स्तर का डेटा।
• UDISE+ 2023-24 के आधार पर उपलब्धियां और चुनौतियां।
• PARAKH राष्ट्र सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी।
इस डेटा के आधार पर यह साफ हुआ कि क्षेत्र में स्कूलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन अभी भी कई जगहों पर अवसंरचना और संसाधनों की कमी है। खासकर, दूर-दराज के इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी और प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या पर ध्यान देना आवश्यक है।
समीक्षा और योजनाएँ
प्रस्तुति में यह भी बताया गया कि, सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत बजट आवंटन किया है। इनमें शामिल हैं:
• प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN)।
• विद्या समीक्षा केंद्र और DIKSHA जैसी डिजिटल पहलें।
• शिक्षक प्रशिक्षण, छात्रावास और कौशल विकास कार्यक्रम।
केंद्र और स्थानीय सरकार की इन योजनाओं का उद्देश्य सभी छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। हालांकि, इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जैसे फंड की देरी से मंजूरी, तकनीकी बाधाएँ और भौगोलिक कठिनाइयां।
लद्दाख की शिक्षा प्रणाली की विशेषताएं
दूसरी रिपोर्ट में लद्दाख के शिक्षा मंत्री, भानु प्रकाश ने बताया कि क्षेत्र में छात्र संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वे कहते हैं, “हमने नई पीढ़ी के लिए स्टेम (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा को बढ़ावा दिया है। साथ ही, पी।एम। SHRI स्कूलों और शीतकालीन आवासीय कोचिंग केंद्रों को मजबूत किया है।”
उनका कहना है कि डिजिटल शिक्षा, संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और शिक्षक पुरस्कार जैसी नई पहलें शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद कर रही हैं। खास बात यह है कि, अब बच्चों को शुरुआती उम्र में ही कौशल आधारित शिक्षा का अवसर मिल रहा है।
प्रश्न और चुनौतियां
बैठक के दौरान जमीनी स्तर पर कई मुद्दे भी उठे। इनमें शामिल हैं:
• विद्यालयों में शून्य पदों की भरपाई की देरी।
• लिंग आधारित असमानता, जैसे लड़कियों के शौचालय की कमी।
• दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट और संचार सेवाओं की समस्या।
• शिक्षा की गुणवत्ता और फीस ढांचे में तुलना।
सामान्य तौर पर, ये चुनौतियाँ क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ाने में बाधक हैं। विशेषज्ञ और अधिकारी इन पर सक्रिय कदम उठा रहे हैं।
सरकार की योजनाएँ और भविष्य की दिशा
लद्दाख के मुख्य सचिव, डॉ. पवन कोटवाल ने कहा कि सरकार जल्द ही नई भर्ती अभियान शुरू करेगी और अवसंरचना के विकास के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के साथ ही, प्राथमिक शिक्षा और कौशल विकास की परियोजनाएँ त्वरित रूप से लागू की जाएंगी।
यह प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी और संतुलित विकास को सुनिश्चित करने का हिस्सा हैं।
समाप्ति और निष्कर्ष
लेह में हुई इस PSC बैठक ने साफ कर दिया कि सरकार और संबंधित विभागें क्षेत्र की विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। प्राथमिकता दी जा रही है डिजिटल शिक्षा, संसाधनों का समुचित प्रयोग, और शिक्षक प्रशिक्षण।
बिना किसी संदेह के, ये कदम लद्दाख में शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
अधिक जानकारी के लिए आप Twitter पर अधिकारी अपडेट देख सकते हैं।
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