प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में आमूलचूल परिवर्तन की कहानी
जम्मू-कश्मीर, जो लंबे समय से अस्थिरता और संघर्ष का गढ़ माना जाता था, अब तेज़ी से बदल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में इस क्षेत्र ने न केवल सुरक्षा और स्थिरता का रास्ता अपनाया है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक जीवन में भी नए अध्याय शुरू किए हैं। इस बदलाव की वजह से यहाँ के लोग खुश हैं और पूरी दुनिया की नज़र इस प्रदेश पर टिकी है। इस खबर में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को बदलने का सपना साकार किया है।
सामाजिक स्थिरता और सुरक्षा में अभूतपूर्ण बदलाव
जब से नरेंद्र मोदी ने देश का नेतृत्व संभाला है, जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलने लगी है। यहाँ के लोग अब शांति का जीवन जी रहे हैं। हाल ही में, लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि यहाँ पर वर्षों से चली आ रही हिंसा और अराजकता अब खत्म हो चुकी है। उदाहरण के तौर पर, पहली बार पिछले 30 वर्षों में मुहर्रम के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव और शांति का माहौल देखने को मिला है। सामाजिक तनावों में कमी और सामूहिकता का जागरूकता अब यहाँ की प्रमुख बात है।
सिन्हा का यह भी कहना है कि अब यहाँ पर पत्थरबाज़ी की घटनाएँ नहीं हो रही हैं, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था में सुधार हुआ है। युवाओं का दृष्टिकोण भी बदला है, जो पहले पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते थे, अब रोजगार और विकास में ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसका कारण है सरकार की नई नीतियाँ और योजनाएँ, जो युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही हैं।
आर्थिक प्रगति और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। पिछले पाँच वर्षों में, यहाँ की अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई है। इस दौरान बैंकिंग सेक्टर ने नई बुलंदियों को छुआ है; जम्मू-कश्मीर बैंक 1300 करोड़ रुपये का घाटा से 1700 करोड़ का लाभ कमा रहा है। इससे यहाँ के लोगों को वित्तीय राहत मिली है।
पर्यटन क्षेत्र में हुई क्रांति ने यहाँ की तस्वीर बदल दी है। पिछले साल करीब 2.38 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें से अधिकांश घरेलू हैं। खासतौर पर, अमरनाथ यात्रा का उत्साह भी पूर्व की तरह ही बना हुआ है। यहाँ होटल उद्योग में भारी वृद्धि देखने को मिली है। पहलगाम और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर होटल पूरी तरह से बुक हैं। इन गतिविधियों से न सिर्फ स्थानीय व्यवसाय को प्रोत्साहन मिला है, बल्कि यहाँ के युवा भी नए उद्यम शुरू कर रहे हैं।
आधुनिकीकरण और बुनियादी ढाँचे की मजबूत व्यवस्था
इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी व्यापक सुधार हुए हैं। जम्मू से श्रीनगर का सफर अब 8-9 घंटे का था, जो अब घटकर सिर्फ 4 घंटे रह गया है। यहाँ के हाइवे, सुरंगें, और सड़क नेटवर्क अब विश्वस्तरीय हो गए हैं। इन सबके बीच, सबसे प्रतीकात्मक परियोजना है चेनाब ब्रिज, जिसने जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ दिया है।
इसके साथ ही, बिजली, पानी और इंटरनेट सेवाएँ भी बेहतर हुई हैं। पिछले पाँच वर्षों में, केवल ऊर्जा क्षेत्र में 3100 मेगावॉट बिजली जोड़ने का रिकॉर्ड बनाया गया है। डिजिटल इंडिया की दिशा में भी जम्मू-कश्मीर ने सफलता हासिल की है। यहाँ 1,140 सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है, जो पूरे भारत में अपनी तरह का अनूठा कदम है।
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ी पहल की है। यहाँ IIT, IIM, AIIMS, NIFT जैसे संस्थान स्थापित किए गए हैं। इससे यहाँ के युवाओं को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल रही है। नए मेडिकल कॉलेज और AIIMS की स्थापना से स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर भी बढ़ा है। इन सबके साथ ही, यहाँ 500 नए MBBS सीटें भी शुरू की गई हैं।
इसी तरह, स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्र में भी नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं। पाँच वर्षों में यहाँ 3100 मेगावॉट से अधिक बिजली जोड़ी गई है, जो ऊर्जा की कमी को दूर कर रहा है।
आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन की नई दिशा
जम्मू-कश्मीर में रोजगार सृजन को लेकर भी सरकार का ध्यान केंद्रित है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत, यहाँ 42,000 से अधिक सरकारी पद भरे गए हैं। इसके अलावा, स्वयं सहायता समूहों की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है। महिलाएँ भी इस बदलाव का हिस्सा बन रही हैं और अब वे अपने व्यवसाय स्वयं चला रही हैं।
यहाँ के हस्तशिल्प, कढ़ाई, और पारंपरिक वस्तुओं का निर्यात भी तेज़ी से बढ़ रहा है, जो GI टैग और QR कोड के माध्यम से प्रमोट किया जा रहा है।
सामूहिक विश्वास और राजनीतिक बदलाव
सियासी दृष्टिकोण से भी जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। यहाँ की जनता अब अधिक जागरूक और एकजुट हो रही है। लाल चौक पर तिरंगा फहराना इस बात का प्रतीक है कि अब यहाँ का मानना है कि उनका भविष्य भारत के साथ है।
हाल के आतंकी हमले भी सुरक्षा बलों की सक्रियता और नई रणनीतियों का प्रमाण हैं। सरकार ने ड्रोन आतंकवाद और सोशल मीडिया पर फर्जी प्रचार से निपटने के लिए भी कठोर कदम उठाए हैं।
परिणाम और भविष्य की दिशा
अंत में, यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर ने एक नई दिशा पकड़ ली है। यहाँ का आम नागरिक, चाहे वह व्यापारी हो या छात्र, अब अधिक आत्मविश्वास से भर गया है। सरकार का लक्ष्य है कि यहाँ के सभी क्षेत्रों में सतत विकास हो और सभी को समान अवसर मिलें। भले ही चुनौतियाँ अभी भी हैं, लेकिन यहाँ का स्वरूप अब सकारात्मक दिशा में है।
यह बदलाव सिर्फ अंकों और योजनाओं का परिणाम नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों का विश्वास और उम्मीद का भी प्रतीक है। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र और भी विकसित और समृद्ध होने की ओर बढ़ रहा है।
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विशेष ध्यान दें: इस लेख में दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है, जिसमें पीआईबी और इंडिया.gov.in जैसी सरकारी वेबसाइटें हैं।