प्रधानमंत्री धन-धान्या कृषि योजना: जम्मू-कश्मीर के किसान के लिए नई आशा का सवेरा

प्रधानमंत्री की नई कृषि योजना का उद्देश्य और महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नई योजना, “प्रधानमंत्री धन-धान्या क्रि‍षि योजना”, किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने का सपना लेकर आई है। इसे 2025-26 में शुरू किया जाएगा, और इसकी शुरुआत देश के 100 जिलों से होगी। खास बात यह है कि इस योजना का उद्देश्य केवल पैदावार बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि टिकाऊ और स्वावलंबी कृषि को भी बढ़ावा देना है। यह योजना खासतौर पर उन जिलों पर केंद्रित है, जहां फसल उत्पादन, सिंचाई, और कृषि क्रेडिट की सुविधाएं कम हैं।

जम्मू-कश्मीर में इस योजना का असर और विशेषताएँ

जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री च. Sukhnandan कुमार ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा, “यह योजना हमारे किसानों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलती है। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर जैसे इलाके में, जहां कृषि क्षेत्र अभी भी चुनौतियों से जूझ रहा है, यह योजना नई उम्मीदें जगा रही है।” उन्होंने जोर दिया कि एलजी मन्मोहन सिंह की मजबूत नेतृत्व और किसानों के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता इस योजना के सफल कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाएगी।

योजना के मुख्य लक्ष्य और लाभ

  • उत्पादन में वृद्धि: फसलों का विविधीकरण और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार।
  • सतत खेती का प्रोत्साहन: जैविक और स्थायी खेती को बढ़ावा देना।
  • सिंचाई और पोस्टहार्वेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर: किसानों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना।
  • कृषि ऋण की पहुंच: आसान और दीर्घकालिक ऋण सुविधा प्रदान करना।
  • केंद्र और राज्य योजनाओं का संयोग: 36 केंद्रीय योजनाओं का समन्वय।

योजना का कार्यान्वयन और निरंतर निगरानी

इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। प्रत्येक जिले के लिए विशिष्ट योजनाएं बनाई जाएंगी, जो भूमि संरक्षण, जल संसाधन, और जैविक खेती जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ मेल खाती हों। 117 प्रदर्शन संकेतकों के माध्यम से प्रगति का आकलन किया जाएगा, और नियमित समीक्षा की जाएगी। इससे न केवल योजना की पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि योजना की प्रगति भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना कैसे बदलेगा कृषि क्षेत्र

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से किसानों की जिंदगी में स्थिरता आएगी और उनकी आय में वृद्धि होगी। “यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को भी बेहतर तकनीक और बाजार के संपर्क में लाएगी,” कहते हैं डॉ. अमित कुमार, कृषि विशेषज्ञ। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि खेती के तरीके भी सुधरेंगे, जिससे पर्यावरण पर बोझ कम होगा।

आगे की राह और उम्मीदें

जैसे-जैसे यह योजना लागू होगी, देश के कृषि सूचकांक में सुधार होने की उम्मीद है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर जैसे प्रदेश में, जहां कृषि क्षेत्र का विकास बहुत जरूरी है, यह योजना नई ऊर्जा का संचार करेगी।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की इस नई योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के विकास और किसानों की समृद्धि को नई दिशा देना है। जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए यह योजना नई उम्मीदें लेकर आई है, और क्षेत्रीय नेतृत्व इसको प्रभावी बनाने के लिए कार्यरत है। यदि योजना सही तरीके से लागू होती है, तो यह देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकती है। किसान और सरकार मिलकर इस मिशन को साकार कर सकते हैं। वहीं, हमें भी चाहिए कि हम इस विषय पर अपनी राय दें और जागरूकता फैलाएँ।
इस तरह की योजनाएं हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर ले जाती हैं। चलिए, बात करते हैं—आपकी इस योजना के बारे में क्या राय है?

अधिक जानकारी के लिए यहाँ देखें: पीआईबी सरकारी वेबसाइट और NITI Aayog.

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