फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर: 2035 तक US$6.8 बिलियन का बाजार बनने की उम्मीद

फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर का उभरता हुआ क्षेत्र और इसका भविष्य

आधुनिक दुनिया में तकनीकी प्रगति के साथ-साथ क्वांटम कंप्यूटिंग का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। खासकर, फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर को लेकर विश्लेषकों का कहना है कि यह आने वाले वर्षों में बहुत बड़े बदलाव लेकर आएगा। यह तकनीक न केवल तेज़ है, बल्कि कम लागत में निर्मित हो सकती है, और तापमान भी कमरे के तापमान पर ही काम कर सकती है।

फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर: क्या हैं ये और क्यों हैं खास?

फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर वे उपकरण हैं जो प्रकाश (फोटॉन) का उपयोग कर क्वांटम कंप्यूटिंग करते हैं। इन कंप्यूटरों की खासियत है कि ये ऑफ-द-शेल्फ ऑप्टिकल नेटवर्किंग कंपोनेंट्स का उपयोग कर कम लागत में बनाए जा सकते हैं। साथ ही, इनकी सबसे बड़ी ताकत है कि ये सामान्य तापमान पर काम कर सकते हैं, जिससे महंगे कूलिंग सिस्टम की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

वर्तमान में, इस क्षेत्र में लगभग 20 कंपनियां सक्रिय हैं, जिनमें PsiQuantum और Xanadu प्रमुख हैं। इन कंपनियों का लक्ष्य है कि 2035 तक यह बाजार $6.8 अरब डॉलर से अधिक का हो जाएगा।

बाजार का विस्तार: वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं

रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक विश्वभर में फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर की बिक्री से होने वाली रेवेन्यू लगभग $1.1 बिलियन होगी। यह संख्या अगले दस वर्षों में तेजी से बढ़ेगी और 2035 तक यह $6.8 बिलियन से अधिक हो जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तेज़ वृद्धि का मुख्य कारण है – उच्च मांग और सस्ती निर्माण लागत

इस बाजार में नई-नई कंपनियां प्रवेश कर रही हैं, जो अपने-अपने उत्पाद और सॉफ्टवेयर विकसित कर रही हैं। इन कंपनियों में Beijing Bose Quantum, Mitre Corporation, NTT, और QuiXQuantum जैसी नामी संस्थान शामिल हैं। इनकी रणनीति है कि वे बेहतर क्वांटम प्रोसेसर और सॉफ्टवेयर विकसित कर बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करें।

कहां हैं प्रमुख उपयोग और लाभ?

  • औद्योगिक और वैज्ञानिक अनुसंधान: फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग जटिल गणनाओं में तेजी लाने के लिए हो सकता है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: तेजी से डेटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग में यह तकनीक सहायक हो सकती है।
  • ड्रग डिस्कवरी और सुरक्षित संचार: नई दवाओं की खोज और सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन के लिए भी इस तकनीक का उपयोग हो सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक बहुमुखी और अत्यंत लाभकारी हो सकती है, यदि सही दिशानिर्देश और निवेश की व्यवस्था उचित ढंग से की जाए।

प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां

हालांकि, इस क्षेत्र में कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। जैसे द्वारा, फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटर का निर्माण जटिल है, और अभीतक सही दिशा में अनुसंधान और विकास की जरूरत है। इसके अलावा, इस तकनीक को व्यावसायिक रूप से आसान बनाने और उसके स्केलिंग की प्रक्रिया भी चुनौतीपूर्ण है।

इस स्थिति में, सरकार और निजी क्षेत्र दोनों को मिलकर निवेश करना आवश्यक है ताकि इस तकनीक का अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके। मंत्रालयीन स्रोत और विकिपीडिया पर उपलब्ध अधिक जानकारी इस विषय की गम्भीरता को दर्शाती है।

क्या भविष्य में हो पाएगा बदलाव?

बिल्कुल, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह तकनीक विश्व की कई बड़ी चुनौतियों का समाधान कर सकती है। खासतौर पर, डेटा की सुरक्षा, तेज़ी से गणना और कम लागत में कुशलता के लिहाज से। यह तकनीक देशों की आर्थिक और तकनीकी ताकत को भी मजबूत बना सकती है।

यहां तक कि, कई अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान भी इस पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि 2035 तक यह बाजार न सिर्फ बढ़ेगा, बल्कि नई दिशाओं में भी विकसित होगा।

इस विषय पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें।

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