निष्मिषा प्रिया की फाँसी टाली गई, सरकार के सूत्रों का दावा

यमन में भारतीय नर्स निष्मिषा प्रिया की फाँसी को स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को आधिकारिक सूत्रों ने दी। यह फाँसी बुधवार (16 जुलाई, 2025) को तय थी, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है।

निष्मिषा प्रिया 2018 से यमन की मौत की सजा पर थीं, उन्हें 2017 में अपने व्यवसायी साथी की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था। बताया जाता है कि फिलहाल मामले को सुलझाने के लिए पीड़ित परिवार के साथ बातचीत चल रही है, हालांकि इस बातचीत के विस्तृत विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

एक सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत सरकार पूरी मदद कर रही है। यह नर्स केरल की रहने वाली हैं और 2008 से यमन में काम कर रही हैं। सरकार का प्रयास है कि सभी पक्षों के साथ मिलकर एक समझौता किया जाए और इस विवाद का समाधान निकाला जाए।

सरकारी सूत्र ने कहा, “आंतरिक संवेदनशीलता के बावजूद भारतीय अधिकारियों ने स्थानीय जेल प्रशासन और अभियोजन कार्यालय के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा, जिसके कारण फाँसी स्थगित हो सकी।” इससे पहले खबरें आई थीं कि निष्मिषा प्रिया की फाँसी बुधवार को होनी थी, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।

निष्मिषा प्रिया ने 2008 से यमन की राजधानी सना में काम करना शुरू किया था। 2014 में उन्होंने एक क्लिनिक भी शुरू की थी, जिसमें उनके साथ एक स्थानीय व्यवसायी तालाल अब्दो महदी साझेदारी में थे। मगर दोनों के बीच व्यापारिक मतभेद बढ़ने लगे। महदी ने उनका पासपोर्ट छीन लिया, उनके साथ मारपीट की और उनके पैसे भी चुराए। 2017 में निष्मिषा ने महदी को एक ओपिओइड पदार्थ से इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद, अपराध के सबूत मिटाने के लिए उन्होंने शव के टुकड़े कर दिए और स्थानीय सहयोग से शव के भागों को पानी के टैंक में फेंक दिया।

यमनी अदालतों में इस जटिल केस को लेकर कई राजनीतिक और सामाजिक पहलू भी जुड़े हैं। इसमें भारत के साथ-साथ यमन का अंतरराष्ट्रीय संबंध भी चर्चा का विषय है। खास बात यह है कि यमन की राजधानी सना पर हाउथी (Ansar Ullah) का नियंत्रण है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार अदेन से कार्यरत है। फरवरी में ईरान के विदेश मंत्री सैयद आबास अर्घची ने निष्मिषा की रिहाई के लिए अपील की थी।

यमन की दूतावास ने भारत में घोषणा की थी कि निष्मिषा प्रिया को मौत की सजा नहीं दी गई है। इस पूरे प्रकरण में भारत के विभिन्न नेताओं और मुस्लिम समुदाय के नेताओं की भी भूमिका सामने आई है।

यह मामला यमन की न्यायिक व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और मानवीय पहलुओं का एक ज्वलंत उदाहरण बन गया है। सरकार और संबंधित पक्ष प्रयास कर रहे हैं कि निष्मिषा प्रिया को सही न्याय मिले और उनका जीवन सुरक्षित रहे।

प्रकाशित: 15 जुलाई, 2025, दोपहर 02:11 IST

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