नेपाल की आर्थिक स्थिति: निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि में हो रहे बदलाव

नेपाल की आर्थिक स्थिति पर व्यापक रिपोर्ट: निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि के नए आयाम

नेपाल की अर्थव्यवस्था में हाल के महीनों में कई नई घटनाएँ और पहल देखने को मिली हैं, जिनसे यह संकेत मिलता है कि देश अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। इस रिपोर्ट में हम इस बात का विश्लेषण करेंगे कि नेपाल में निवेश के नए अवसर, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, और कृषि क्षेत्र में हो रहे बदलाव किस दिशा में जा रहे हैं।

बढ़ते विदेशी निवेश (FDI): संभावनाएँ और बाधाएँ

साल 2080/81 में नेपाल में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में 5% की बढ़ोतरी देखी गई है। कुल मिलाकर यह बढ़कर Rs 64.96 अरब तक पहुँच गया है, जिसमें 840 प्रस्तावित परियोजनाएँ शामिल हैं। इस दौरान, चीन और भारत जैसे देशों से निवेश में सबसे अधिक वृद्धि हुई है, विशेष रूप से सेवाएँ और पर्यटन सेक्टर में।

लेकिन, वास्तविक निवेश प्रवाह (FDI इनफ्लो) में काफी गिरावट आई है। 2024 में यह मात्र $57 मिलियन रहा, जो 2019 की तुलना में 69% कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में बड़े प्रोजेक्ट्स को आकर्षित करने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे, टैक्स व्यवस्था की स्पष्टता, और आसान नियम-कानून की जरूरत है। सरकार ने इन बाधाओं को दूर करने के लिए नई नीतियां लागू करने का प्रयास किया है, मगर अभी भी इसमें सुधार की गुंजाइश है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का तेजी से विकास: पोखरा-मुग्लिन मार्ग पर अपडेट

नेपाल के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में पोखरा–मुग्लिन हाईवे का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस सड़क परियोजना की 55.10% भौतिक प्रगति हो चुकी है। इसमें से 37.70 किमी का हिस्सा अभी टारिंग किया जा चुका है। 13 पुलों में से 11 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि विजयपुर और सेटि पुल पर काम चल रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह रोड प्रोजेक्ट नेपाल के अंदरूनी इलाकों को और अधिक जोड़ने में मदद करेगा। चीनी कंपनी Anhui Kaiyuan की देखरेख में काम हो रहा है, और यह उम्मीद की जा रही है कि समय से पहले ही यह परियोजना पूरी हो जाएगी।

खेती-बाड़ी के क्षेत्र में चीन का बड़ा निवेश और ऊर्जा प्रोजेक्ट्स

सरकार ने हाल ही में चीनी कंपनी Chengdu Jian Co. Ltd. को Rs 20 अरब का एफडीआई मंजूर किया है, जो नेपाल के सबसे बड़े भैस मांस उत्पादन और निर्यात केंद्र का निर्माण करेगी। यह परियोजना सिंधुली में 85 बीघा जमीन पर विकसित होगी और सालाना 2.7 मिलियन टन मांस का उत्पादन करने में सक्षम होगी। इस योजना का उद्देश्य चीन को सीधे निर्यात और कृषि क्षेत्र में भारत के साथ प्रतिस्पर्धा करना है।

इसके अलावा, सोलुखुम्बु में 82 मेगावाट की LOWER Solu hydropower परियोजना ने सफलतापूर्वक अपने परीक्षण संचालन शुरू कर दिया है। यह परियोजना यूरोपीय वित्तीय संस्थानों, जैसे FMO, से Rs 16 अरब निवेश के साथ बनी है। यह प्रोजेक्ट क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ स्थिरता और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

कृषि और जलवायु के चलते फसल की चुनौती

मधेश प्रदेश में वर्षा की कमी के कारण इस साल धान की बोवाई केवल 46.83% ही हो पाई है। अधिकतर खेतों में पानी की कमी के कारण बीज बोना भी कठिन हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि आगामी सप्ताह में मानसून नहीं बरसा, तो पूरे प्रदेश में लगभग 25% फसल का नुकसान हो सकता है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी, बल्कि देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन और जीडीपी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

अधिकतर जल स्रोतों का दोहन अत्यधिक हो चुका है, जिससे पानी की समस्या और बढ़ गई है। इससे न सिर्फ सिंचाई बाधित हो रही है, बल्कि पीने के पानी की भी समस्या गंभीर हो रही है। इससे जुड़ी चुनौतियों का समाधान तत्काल आवश्यक है।

बैंकिंग सेक्टर में सुधार: बेस रेट में बदलाव की तैयारी

नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) अपने बेस रेट एल्गोरिदम में बदलाव करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में लागू प्रणाली 2012 में शुरू हुई थी, जो अब बदलाव की मोहताज है। नए नियम के अनुसार, अब यह लॉकिंग नहीं होगी, बल्कि इसमें फंडिंग लागत, जोखिम प्रीमियम, वैश्विक ब्याज दरें, और लोन की मार्जिनल लागत जैसे कारकों को शामिल किया जाएगा।

इस बदलाव का उद्देश्य बाजार की वर्तमान आर्थिक स्थिति के अनुरूप ब्याज दरों को अधिक प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी बनाना है। वर्तमान में, विभिन्न बैंक का बेस रेट 4.89% से लेकर 7% से ऊपर तक है। नए नियम लागू होने के बाद, बैंकिंग सेक्टर का लचीलापन बढ़ेगा और ग्राहक को बेहतर व्यावसायिक सुविधाएँ मिलेंगी।

आगे की राह: चुनौतियों का समाधान और विकास के नए आयाम

नेपाल का आर्थिक विकास अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें बुनियादी ढांचे की कमियाँ, कृषि क्षेत्र की कमजोरी, और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याएँ शामिल हैं। लेकिन इन चुनौतियों के बीच ही नए अवसर भी उभर रहे हैं। बेहतर नीति निर्माण, निवेश को आकर्षित करने वाली माहौल, और सतत् विकास की दिशा में प्रयास जारी हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें, तो नेपाल अपनी विकास की गति को जारी रख सकता है।
जलवायु परिवर्तन और कृषि पर WHO की रिपोर्ट और नेपाल सरकार के आर्थिक दस्तावेज जैसे स्रोत इस दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

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