नेपाल की आर्थिक स्थिरता और हाल की प्रमुख घटनाएँ
नेपाल की अर्थव्यवस्था में हाल की कुछ प्रमुख घटनाएँ और विकास स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि देश तेजी से बदल रही है। यहाँ के निवेशक, नीति निर्मात्री और आम नागरिक सभी इन बदलावों का असर महसूस कर रहे हैं। हाल ही के महीनों में नेपाल स्टॉक एक्सचेंज ने तेज़ी देखी है, जिससे यह साफ हो गया है कि निवेशकों का भरोसा फिर से मजबूत हो रहा है। साथ ही, देश की ऊर्जा, निर्माण, और पर्यटन क्षेत्रों में भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
नेपाल स्टॉक एक्सचेंज में तेजी, निवेशकों के लिए अच्छी खबर
पिछले हफ्ते नेपाल स्टॉक एक्सचेंज (NEPSE) का सूचकांक 138.83 अंक बढ़कर 2,870.63 पर पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों में ब्याज दरों में कमी के कारण हुई है। नेपाल रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार मौद्रिक नीति के लागू होने के बाद निवेशक विश्वास बढ़ा है। यहां देखा जा सकता है कि बाजार में कुल कारोबार 43.4% बढ़ा है, जो लगभग 59.63 अरब रुपये तक पहुंच गया है। बाजार का यह उछाल मुख्य रूप से माइक्रोफाइनेंस संस्थान, विकास बैंक और हाइड्रोपावर कंपनियों की वजह से हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट को नियंत्रित करने और निवेशकों का भरोसा कायम करने का अच्छा संकेत है। बाजार में कुल पूंजीकरण में लगभग 232 अरब रुपये का इजाफा हुआ है, जो कुल मिलाकर रु 4.783 ट्रिलियन है। इससे यह भी पता चलता है कि नेपाल की अर्थव्यवस्था में अभी भी आशा की किरणें हैं।
बुनियादी ढांचे की समस्याएँ और निर्माण सेक्टर का ध्यान
हाल ही में, नेपाल के भौतिक पूर्वाधार और यातायात मंत्रालय ने 37 निर्माण कंपनियों का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। इन कंपनियों में कई ‘ए’ वर्ग, ‘बी’ वर्ग और ‘सी’ वर्ग की कंपनियाँ शामिल हैं। इनमें प्रमुख नाम जैसे गनपति ग्रुप ऑफ कंस्ट्रक्शन, वल्ली स्टार बिल्डर्स और इंटरनेशनल इंफ्रा बिल्डर्स शामिल हैं। यह कदम नियमों का उल्लंघन करने और परमिट नवीनीकরণ में देरी के कारण उठाया गया है।
मंत्रालय का कहना है कि इससे निर्माण क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। इस कदम का मकसद अनियमितताओं को रोकना और कामकाज की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इन कंपनियों का प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत होना आम बात है, और इस निर्णय से निर्माण कार्यों में कुछ विलंब हो सकता है।
बैंकिंग सेक्टर में बढ़ती ब्लैकलिस्टिंग और आर्थिक तनाव
नेपाल में बैंकिंग और वित्तीय संस्थान अब तक 38,685 व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट कर चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ी है। जुलाई 2023 में ही 2,947 व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1,096 था। मुख्य कारणों में चेक बाउंस और ऋण चुकाने में असमर्थता शामिल हैं।
अधिकारियों का मानना है कि यह बढ़ोतरी आर्थिक मंदी, एनपीए में बढ़ोतरी और वित्तीय अनुशासन की कमी का प्रतीक है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। सरकार और बैंक अब इस दिशा में बदलाव लाने के प्रयास कर रहे हैं ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
नेपाल का ऊर्जा क्षेत्र: निर्यात में रिकॉर्ड, निर्माण में प्रगति
नेपाली ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2081/82 में नेपाल ने भारत और बांग्लादेश को लगभग 17 अरब रु. की बिजली का निर्यात किया है। यह अब तक का सबसे उच्च स्तर है। इसी समय, आयात भी लगभग 16.9 अरब रुपये का रहा है। नेपाल की बिजली अब लगभग 941 मेगावॉट (MW) भारत को निर्यात हो रही है, जबकि आयात लगभग 1,000 MW है।
साथ ही, नेपाल ने बांग्लादेश को 40 MW की बिजली डॉलर में भी भेजनी शुरू कर दी है, जिससे इस क्षेत्र में नेपाल की भागीदारी मजबूत हो रही है। यह उपलब्धि नेपाल की ऊर्जा क्षेत्र की उल्लेखनीय प्रगति का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे देश की विदेशी मुद्रा भी बढ़ेगी और ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
मौसम की चेतावनी और हाइड्रोपावर सेक्टर की सतर्कता
IPAN (इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन नेपाल) ने अत्यधिक भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर 18 से 20 जुलाई तक सभी हाइड्रोपावर परियोजनाओं को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। विभागीय आदेशों के अनुसार, कोशी, तामोर, अरुण और महाकाली नदियों में बाढ़ की आशंका है। इससे काठमांडू, नारायणी बेसिन और कई सरकारी क्षेत्रों में खतरा मंडरा रहा है।
इस तरह की बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हाइड्रोपावर कंपनियों और सरकार दोनों को मिलकर तैयार रहना जरूरी है। इससे न केवल बिजली उत्पादन प्रभावित होगा, बल्कि जनजीवन और संपत्ति का भी खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए तुरंत उपाय किए जाने चाहिए।
पर्यटन सेक्टर में नई पहल: एवरेस्ट का सुरक्षित रास्ता
पर्यटन मंत्री बदीप्रसाद पाण्डेय ने एम्स्ट का पर्वतारोहण मार्ग सुधारने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि खुम्बु आइसफॉल पर इस समय जो जोखिम है, वह बहुत उच्च स्तर का है। नई, सुरक्षित और पर्यावरण को ध्यान में रखकर चलाने योग्य रास्ता खोजने पर जोर दिया है।
फ्रांसीसी पर्वतारोही मार्क मरी बाटार्ट और नेपाली पर्वतारोही स्पिंग काजी शेर्पा ने अपना अध्ययन और तस्वीरें साझा की हैं कि कैसे इस नई मार्ग से खतरों को कम किया जा सकता है। इस कदम का मकसद हर साल हजारों आरोहियों को सुरक्षित बनाना है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल जीवन रक्षा होगी, बल्कि Everest के अनुभव को भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
अंत में: आगे का रास्ता क्या है?
नेपाल की ये नई गतिविधियाँ और बदलाव इस बात का संकेत हैं कि देश अभी भी विकास की राह पर अग्रसर है। हालांकि, चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत नियमन, पारदर्शिता और योजना की आवश्यकता बनी रहेगी। इन प्रयासों से ही नेपाल अपनी आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिति को बेहतर बना सकेगा।
क्या आप इन विकास पहलुओं को लेकर क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर दें। यह चर्चा हमारी राष्ट्रीय प्रगति में योगदान दे सकती है।
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