परिचय: क्यों प्राकृतिक गैस अभी भी ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है?
आज के समय में जब हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे वायु और सौर ऊर्जा की बात करते हैं, तब भी प्राकृतिक गैस का महत्व कम नहीं हुआ है। यह ऊर्जा स्रोत आधुनिक दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। विश्व के ऊर्जा परिदृश्य में, प्राकृतिक गैस को एक स्थायी और भरोसेमंद विकल्प माना जाता है, जो न केवल बिजली उत्पादन बल्कि घरों में हीटिंग और उद्योगों में भी उपयोग किया जाता है।
2024 का डेटा: वैश्विक प्राकृतिक गैस उत्पादन और खपत
2024 में, वैश्विक प्राकृतिक गैस का उत्पादन रिकॉर्ड 398.0 बिलियन क्यूबिक फीट प्रति दिन (Bcf/d) तक पहुंच गया। इसमें विश्व के सबसे बड़े उत्पादक देश अमेरिका का योगदान 25% रहा, जो लगभग 100 Bcf/d उत्पादन के साथ पूरी दुनिया में नंबर वन बना। अमेरिका की यह उपलब्धि प्राकृतिक गैस के शेल गैस क्रांति का परिणाम है, जिसने अमेरिका को न केवल दुनिया का सबसे बड़ा गैस उत्पादक बनाया बल्कि उसे LNG (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) का बड़ा exporter भी बना दिया।
रूस का स्थिति: दूसरा बड़ा उत्पादक
रूस, जो 2011 में पहले स्थान पर था, अब भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैस उत्पादक है, जिसकी उत्पादन क्षमता 60.8 Bcf/d है। हालांकि, इस संख्या में कमी देखने को मिली है क्योंकि यूरोप को रूस के गैस निर्यात में गिरावट आई है। वर्तमान में, मास्को अपने गैस को एशियाई बाजारों की ओर मोड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन राजनीतिक और लॉजिस्टिक बाधाओं के कारण यह प्रयास धीमे हैं।
आफ्रीका और अन्य क्षेत्र
अफ्रीका की बात करें तो यहाँ का योगदान तुलनात्मक रूप से छोटे है। अल्जीरिया यहाँ का प्रमुख देश है, जो 9.1 Bcf/d गैस का उत्पादन करता है। इसके अलावा, मिस्र और नाइजीरिया जैसे देश भी गैस उत्पादन में हिस्सेदारी रखते हैं। इस महाद्वीप में अवसंरचना की कमी और निवेश की कमी के कारण प्राकृतिक गैस के व्यापक उपयोग में बाधाएँ हैं।
ग्लोबली गैस का खपत बढ़ना
2024 में, विश्व में प्राकृतिक गैस की कुल खपत 398 Bcf/d पर पहुंच गई है, जो कि 1990 के मुकाबले दोगुनी से भी अधिक है। इस वृद्धि का बड़ा कारण एशियाई देशों में ऊर्जा की बढ़ती मांग है। अमेरिकी और चीनी जैसे बड़े उपभोक्ता इस संदर्भ में अग्रणी हैं।
मुख्य उपभोक्ता
- अमेरिका: 87 Bcf/d, यह विश्व की सबसे बड़ी गैस खपत करने वाला देश है।
- रूस: 46 Bcf/d, उसकी खपत भी पिछले वर्षों में स्थिर रही है।
- चीन: 42 Bcf/d, यहाँ गैस की खपत तेजी से बढ़ रही है, जिसमें औद्योगीकरण और प्रदूषण कम करने के प्रयास शामिल हैं।
यह दर्शाता है कि विश्व की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए प्राकृतिक गैस का महत्व अभी भी बना हुआ है। इसकी आसान उपलब्धता, कम कार्बन उत्सर्जन और आर्थिक प्रभाव इसकी मांग को बनाए रख रहे हैं।
लिंक्ड इनफ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक परिवर्तनों का प्रभाव
लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) का व्यापार भी लगातार बढ़ रहा है, जो देशों को अपने गैस उत्पादन को वैश्विक स्तर पर बेचने का अवसर देता है। इससे कई देश ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका ने अपने LNG निर्यात से यूरोप और एशिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया है।
साथ ही, यह बदलाव वैश्विक ऊर्जा बाजार में नए अवसर और चुनौतियाँ भी लेकर आया है। ऊर्जा संबंधी नीति निर्माता नवीनतम आंकड़ों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बना रहे हैं।
निष्कर्ष: प्राकृतिक गैस क्यों बनी है स्थायी ऊर्जा का स्तंभ?
सभी आंकड़े और आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि विश्व में प्राकृतिक गैस का वर्चस्व अभी भी कायम है। इसके कारणों में इसकी उपलब्धता, आर्थिकता और कम प्रदूषण का शामिल होना है। हालांकि, अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम भी जारी हैं, परन्तु तत्काल और स्थायी ऊर्जा विकल्प के रूप में गैस की भूमिका अभी भी अनिवार्य है।
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