आश्चर्यजनक रूप से प्राकृतिक गैस का वर्चस्व दुनिया की ऊर्जा व्यवस्था में बना रहा मजबूत आधार

परिचय: क्यों प्राकृतिक गैस है ऊर्जा बाजार का मुख्य आधार

आज के समय में जब दुनिया जीवाश्म ईंधनों से स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की ओर बढ़ रही है, तब भी प्राकृतिक गैस का महत्व कम नहीं हुआ है। प्राकृतिक गैस का उपयोग बिजली उत्पादन, गृह हीटिंग, उद्योग संचालन और समुद्री परिवहन में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

2025 के विश्व ऊर्जा सांख्यिकी समीक्षा (Statistical Review of World Energy 2025) के अनुसार, प्राकृतिक गैस का वैश्विक उत्पादन और खपत दोनों ही नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। यह दर्शाता है कि ऊर्जा क्षेत्र में इसकी भूमिका कितनी महत्त्वपूर्ण हो गई है, खासकर जब जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक ध्यान बढ़ रहा है।

2024 में वैश्विक प्राकृतिक गैस उत्पादन का ब्‍यौरा

सर्वाधिक उत्पादन करने वाले देश

2024 में, विश्व का कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन लगभग 398.0 अरब क्‍यूबिक फीट प्रतिदिन (Bcf/d) तक पहुंच गया है। इसमें अमेरिका ने प्रमुख भूमिका निभाई है, जहां लगभग 25% यानी 100 Bcf/d से अधिक गैस का उत्पादन हुआ। यह पिछले वर्ष की तुलना में मामूली गिरावट है, लेकिन अमेरिका अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा गैस उत्पादक है।

अमेरिका की सफलता का मुख्य कारण उसकी शेल गैस तकनीक में हुई क्रांति है, जिसने इसे विश्व का टॉप LNG निर्यातक भी बना दिया है। रूस, जो 2011 में अमेरिका से पहले स्थान पर था, अभी भी दूसरे नंबर पर है। रूस का 2024 में गैस उत्पादन लगभग 60.8 Bcf/d रहा है, हालांकि यह अपने पहले के उच्चतम स्तर से नीचे है।

अफ्रीका की बात करें तो यहाँ का योगदान अपेक्षाकृत छोटा है। अल्जीरिया 9.1 Bcf/d के साथ सबसे बड़ा गैस उत्पादक देश है, उसके बाद मिस्र और नाइजीरिया का नंबर आता है। यहाँ आर्थिक और अवसंरचनात्मक चुनौतियों के कारण ग्रोथ धीमी रही है।

2024 में वैश्विक प्राकृतिक गैस खपत

खपत का विश्व रिकॉर्ड और प्रमुख खिलाड़ी

वर्ष 2024 में विश्वभर में प्राकृतिक गैस की खपत रिकॉर्ड 398 Bcf/d पहुंच गई है। यह 1990 के बाद से दोगुना से अधिक है। खपत में मुख्य रूप से एशिया और गैर-ओECD देशों का योगदान है।

अमेरिका अभी भी सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जहाँ प्रतिदिन 87 Bcf की खपत होती है। यह विश्व की कुल खपत का लगभग 22% है। रूस दूसरे स्थान पर है, जिसकी खपत 46 Bcf/d है।

चीन, जिसने पिछले 10 वर्षों में अपनी खपत में काफी वृद्धि की है, अब 42 Bcf/d पर पहुंच गया है। इस बढ़ाव का कारण व्यापक औद्योगिकीकरण और सरकार के उन कदमों में है, जिनसे एयर क्वालिटी सुधरे और कोयले पर निर्भरता कम हो।

लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) का बढ़ता प्रभाव

लंबे समय से प्राकृतिक गैस का मुख्य निर्यात माध्यम LNG रहा है। 2024 में, वैश्विक LNG निर्यात ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खासतौर पर अमेरिका, कतर, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इस क्षेत्र में अग्रणी हैं। LNG के बढ़ते कारोबार से देश-देश की ऊर्जा निर्भरता कम हो रही है, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार में नई स्थिरता आ रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में LNG की भूमिका और भी बढ़ेगी, क्योंकि दुनिया तेजी से स्वच्छ ऊर्जा की तलाश में है। यह विकल्प न केवल ऊर्जा सुरक्षा के लिए बल्कि आर्थिक विकास के लिए भी जरूरी हो गया है।

प्रमुख चुनौतियां और संभावनाएं

  • स्थिरता और पर्यावरणीय प्रभाव: प्राकृतिक गैस स्वच्छ ईंधन माना जाता है, लेकिन उसका उत्पादन और परिवहन पर्यावरण पर प्रभाव डाल सकता है।
  • सामरिक राजनीति और बाजार गतिशीलता: रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे घटनाक्रम ने गैस निर्यात और आयात दोनों पर असर डाला है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा में बदलाव: हालांकि अभी भी गैस का वर्चस्व बना है, लेकिन नवीकरणीय स्रोतों का विस्तार तेज़ी पकड़ रहा है।

इस स्थिति में, सरकारें और उद्योग जगत निरंतर नई तकनीकों का सहारा लेकर ऊर्जा क्षेत्र को स्थिर और टिकाऊ बनाए रखने की दिशा में प्रयासरत हैं।

आगे का रास्ता और निष्कर्ष

आखिरकार, प्राकृतिक गैस का वैश्विक ऊर्जा बाजार में वर्चस्व अभी भी कायम है। इसकी उपलब्धता, आर्थिक प्रभाव और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से यह विकल्प अभी भी संतुलित और प्रभावशाली माना जाता है।

भविष्य में, ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव और टिकाऊपन की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे, लेकिन प्राकृतिक गैस का महत्व कम होने की संभावना नहीं है। यह ऊर्जा संक्रमण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा, जब तक नई तकनीकें और नवीकरणीय स्रोत पूरी तरह से परिचालन में नहीं आएंगे।

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