क्या खत्म हो सकता है ‘Endangerment Finding’? अमेरिका की ऊर्जा नीति में बड़ा बदलाव

प्रारंभिक परिचय: अमेरिका में ऊर्जा नियमों में बदलाव की चर्चा तेज

अमेरिका में हाल के वर्षों में ऊर्जा और पर्यावरण नीति को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जल्द ही अमेरिका इस महत्वपूर्ण नियम, जिसे Endangerment Finding कहा जाता है, को खत्म कर सकता है। इस नियम ने सरकार को ग्रीनहाउस गैसों, विशेष रूप से कार्बन डाईऑक्साइड, को नियंत्रित करने का अधिकार दिया है।
यह नियम 2009 में ऑबामा प्रशासन के समय बनाया गया था, ताकि पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ जनता को स्वच्छ हवा और पानी मिल सके।

Endangerment Finding का इतिहास और उद्देश्य

क्या है Endangerment Finding?

Endangerment Finding, यानी खतरे का निर्धारण, यह निर्धारित करने का एक तरीका है कि कौन-से पदार्थ मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं। 2009 में, EPA (Environmental Protection Agency) ने इसे स्थापित किया, जिसके तहत ग्रीनहाउस गैसों को नियंत्रित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इस नियम के अनुसार, कार्बन डाईऑक्साइड जैसी गैसें पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं, इसलिए इन पर नियम लागू किए जाने चाहिए।

यह क्यों जरूरी था?

इस नियम के माध्यम से सरकार ने वायु प्रदूषण को रोकने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने का प्रयास किया। परंतु, इसे लेकर विज्ञान और नीति विशेषज्ञों के बीच मतभेद भी रहे हैं। कुछ वैज्ञानिकों का तर्क था कि इस नियम को बनाने में लंबे समय से चली आ रही राजनीति और हितों का दखल है।

इस नियम का राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव

कठोर नियम और उनके असर

Endangerment Finding के तहत, कई कोयला-आधारित ऊर्जा केंद्र बंद कर दिए गए। इससे न केवल बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ा, बल्कि ऊर्जा लागत भी बढ़ी।
विशेषज्ञ बताते हैं कि इन नियमों ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को धीमा कर दिया और रोजगार पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का प्रवाह अब विदेशी बाजारों की ओर हो रहा है।

बिजली grid पर असर

अधिकांश ऊर्जा विशेषज्ञ मानते हैं कि हवाई और सौर ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ने से बिजली की आपूर्ति में अनिश्चितता आई है।
यह स्थिति अक्सर ब्लैकआउट या बिजली कटौती की ओर ले जाती है।
माइरोन ईबेल, ट्रंप केEPA transition टीम के नेता, कहते हैं कि कोयला जैसी पारंपरिक ऊर्जा स्रोत बेसलोड पावर प्रदान करते हैं, जबकि Wind और Solar जैसी नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोत अस्थिर हैं।

क्या खत्म हो सकता है Endangerment Finding?

अमेरिका की नई योजना

15 मार्च को EPA ने घोषणा की कि वे इस नियम पर फिर से विचार कर रहे हैं। यह प्रक्रिया ट्रम्प प्रशासन के समय से ही शुरू हो चुकी है।
EPA ने कहा कि यह निर्णय स्वतंत्र आंतरिक समीक्षा और नीति विश्लेषण के बाद लिया जाएगा।
इस मामले में, नागरिकों और उद्योग हितधारकों को भी सुझाव देने का मौका मिलेगा।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बदलाव से पर्यावरण सुरक्षा के साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।
परंतु, कुछ पर्यावरण कार्यकर्ता इसे खतरे में डालने वाला कदम भी मानते हैं।
इस विषय पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करें।

आगे का रास्ता और संभावनाएँ

अमेरिका का यह कदम विश्व में ऊर्जा और पर्यावरण नीति की दिशा बदल सकता है।
सही नीति और तकनीक का मेल ही बेहतर विकल्प प्रस्तुत कर सकता है।
साझा प्रयास से अमेरिका अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता है और साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी कर सकता है।

निष्कर्ष

यह प्रकरण दिखाता है कि ऊर्जा नीति कितनी जटिल और विविध हितों के टकराव का परिणाम है।
किसी भी देश के लिए, ऊर्जा स्रोतों का सही संतुलन और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो सके।
अमेरिका जैसी महाशक्ति के निर्णय विश्व स्तर पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि विज्ञान, नीतियों और जनता की भागीदारी के बिना कोई भी योजना पूरी नहीं हो सकती।
अधिक जानकारी के लिए आप Wikipedia और EPA की वेबसाइट देख सकते हैं।

क्या आप इस नीति परिवर्तन को लेकर सकारात्मक हैं या चिंता में हैं? अपनी राय नीचे कमेंट करें।

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