भारत में पर्सनल ग्रूमिंग मार्केट में 19.72% की शानदार वृद्धि: जानिए कैसे बदल रहा है आपका खुद का देखभाल का तरीका

भारत में पर्सनल ग्रूमिंग का तेजी से बढ़ता बाजार

वर्तमान समय में भारत में व्यक्तिगत देखभाल और सौंदर्य उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। विश्वसनीय रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षेत्र 2024 में लगभग 0.67 अरब अमेरिकी डॉलर का था, जो 2030 तक बढ़कर करीब 1.98 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। इस वृद्धि का मुख्य कारण बढ़ती शहरीकरण, बढ़ती आय और भारतीय उपभोक्ताओं में अपनी देखभाल के प्रति जागरूकता का बढ़ना है। 19.72% की अनुमानित वार्षिक वृद्धि (CAGR) इस बात का संकेत है कि यह सेक्टर भविष्य में भी विकास के नए आयाम छूएगा।

क्या है इस बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण?

1. बढ़ती आय और शहरीकरण

आर्थिक बदलाव और शहरी जीवनशैली ने भारत में डिजिटल और फेस्टिव लाइफस्टाइल को बढ़ावा दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में प्रति व्यक्ति आय USD 2.54 हजार तक पहुंच गई है। इससे उपभोक्ता अपने रूप-रंग और स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। स्मार्टफोन और ऑनलाइन शॉपिंग ने इन्हें आसानी से बेहतर सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों तक पहुंच बनाया है। शहरों में ब्यूटी सैलून, वेलनेस सेंटर और स्पा की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

2. युवा पीढ़ी की बढ़ती जागरूकता

मौजूदा युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और ग्लोबल ट्रेंड्स से प्रभावित होकर अपनी दिखने-समझने में जागरूक हो रही है। फैशन इंफ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटीज की प्रोफाइल पर नजर डालें, तो पता चलता है कि पुरुष और महिलाओं दोनों ही स्वयं को बेहतर दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। इस कारण से, कॉस्मेटिक्स, स्किनकेयर, हेयरकेयर और पर्सनल केयर उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है।

3. पुरुषों में भी बढ़ती रुचि

पारंपरिक रूप से महिलाओं के लिए माना जाने वाला यह क्षेत्र अब पुरुषों में भी लोकप्रिय हो रहा है। मेकअप, हेयर स्टाइलिंग, शेविंग और स्किन केयर के लिए पुरुष उत्पाद बाजार में जगह बना रहे हैं। विशेष रूप से, बालों की देखभाल, बीयर केयर, फेसवाश और परफ्यूम की लोकप्रियता बढ़ रही है। इससे न केवल पुरुषों के आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का भी संकेत है।

बाजार में प्रतिस्पर्धा और बदलाव

इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बहुत तेज है। अनेक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड इस बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए लगातार नई रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन ब्रांड्स की प्रतिस्पर्धा से ग्राहकों को बेहतर कीमत और गुणवत्ता मिल रही है। वहीं, नकली और अनधिकृत उत्पाद बाजार को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे ब्रांड का भरोसा मजबूत करता है। कंपनियों को समय-समय पर नए उत्पाद, बेहतर पैकेजिंग और ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार उत्पाद डेवलप करना पड़ रहा है।

डिजिटल प्लेटफार्म और कनेक्टेड उपभोक्ता

इंटरनेट और स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ने से अब ग्राहक सीधे ब्रांड से जुड़ रहे हैं। सोशल मीडिया, ऑनलाइन रिटेलर्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग कर नई ट्रेंड्स, टिप्स और उत्पाद जानकारी प्राप्त की जा रही है। इस डिजिटल युग में, ब्रांड्स को अपने सोशल मीडिया कैंपेन, इंफ्लुएंसेर मार्केटिंग और ग्राहक सेवा को मजबूत करना जरूरी हो गया है।Twitter पर अधिकारी अपडेट भी इन बदलावों का हिस्सा हैं।

स्वास्थ्य और प्राकृतिक उत्पादों का आकर्षण

बढ़ती जागरूकता के कारण, लोग अब प्रीमियम और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्राकृतिक अवयवों से बने उत्पाद, जो बिना हानिकारक रसायनों के हो, बाजार की पसंद बनते जा रहे हैं। स्वास्थ्य-संबंधी जागरूकता और आत्म-देखभाल को महत्व देने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ने से, प्राकृतिक सौंदर्य उत्पादों की मांग में भी इजाफा हो रहा है।

आगे का रास्ता: भारत का स्वच्छ और सुंदर भविष्य

इस तेजी से बढ़ रहे सेक्टर में, सरकार और निजी सेक्टर मिलकर नए कदम उठा रहे हैं। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म, और जागरूकता अभियानों से यह क्षेत्र और मजबूत होगा। भविष्य में, भारत की आबादी की युवा और जागरूक प्रकृति इसे और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह क्षेत्र न केवल आर्थिक दृष्टि से अहम है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक है।

इस विषय में आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें। अधिक जानकारी के लिए आप Wikipedia या पीआईबी वेबसाइट देख सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत में पर्सनल ग्रूमिंग का बाजार न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों का भी संकेत देता है। बढ़ती आय, जागरूकता और टेक्नोलॉजी के जरिए यह सेक्टर आने वाले वर्षों में और मजबूत होने की ओर है। यह बदलाव हमारे देश के युवा, प्रतिभाशाली और आत्मनिर्भर बनाने का एक मजबूत आधार भी है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *