भारत की पहली महिला पर्वतारोही छाया सिंह का हाल ही में निधन हो गया है। वे हिमालय की चढ़ाई के क्षेत्र में अपनी अद्भुत उपलब्धियों के लिए जानी जाती थीं। छाया सिंह ने न केवल अपने देश का नाम रोशन किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक बन गईं। उनके जीवन में कई ऐसी कहानियाँ हैं, जिन्होंने युवाओं और महिलाओं को साहस और प्रेरणा दी।
छाया सिंह का जन्म भारत के उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने अपने पर्वतारोहण करियर की शुरुआत छोटे-छोटे पर्वतों से की, लेकिन जल्द ही वे हिमालय की ऊँची चट्टानों पर विजय प्राप्त करने में माहिर हो गईं। उन्होंने कई बार Mount Everest सहित विश्व के विभिन्न कठिन पर्वतों को फतह किया। उनके संघर्ष और समर्पण की कहानी आज भी युवा पर्वतारोही के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उनके योगदान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली। भारतीय सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे सम्मान भी दिए। उनकी मृत्यु पर देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए परिजनों और पर्वतारोहण संस्थानों ने कहा कि छाया सिंह का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
छाया सिंह का जीवन हमें सिखाता है कि साहस, दृढ़ संकल्प और समर्पण से ही हम अपने कठिन लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उनका नाम सदैव भारतीय पर्वतारोही इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उनकी यादें और उपलब्धियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी।