IIM उदयपुर का नया bilingual BBA कोर्स: व्यवसाय अध्ययन में क्रांति लाने का कदम

पहली बार भारत में IIM उदयपुर का bilingual BBA प्रोग्राम

देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) उदयपुर ने जुलाई 2026 से पहली बार ऑनलाइन bilingual BBA (बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन) कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है। यह प्रयास व्यवसाय शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा पेश करेगा, खासकर उन छात्रों के लिए जो अपने करियर की शुरुआत हिंदी में करना चाहते हैं, लेकिन साथ ही अंग्रेज़ी का भी ज्ञान आवश्यक मानते हैं।

ऑनलाइन क्लासरूम

क्या है इस नई पहल का मकसद?

भारतीय शिक्षण प्रणाली में भाषा एक बड़ा अवरोध रहा है। कई प्रतिभाशाली छात्र, विशेषकर ग्रामीण और अर्धशहरी इलाक़ों से आने वाले, अंग्रेज़ी में कठिनाई के कारण उच्च शिक्षा में भाग नहीं ले पाते। इसी समस्या का हल निकालने के लिए, IIM उदयपुर ने bilingual माध्यम में कोर्स प्रस्तावित किया है। यह कोर्स हिंदी में शिक्षा देते हुए अंग्रेज़ी विकल्प भी प्रदान करेगा, जिससे छात्र अपनी भाषा में विषय को समझ सकें, और आवश्यकतानुसार अंग्रेज़ी को भी सीख सकें।

प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और व्यापक पहुंच

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स का इस्तेमाल करके भाषा समझने में सहायता दी जाएगी। इन टूल्स से छात्रों को अपनी पढ़ाई में आसानी होगी और वे विश्लेषणात्मक और व्यावहारिक कौशल भी विकसित कर सकेंगे। इस कोर्स का उद्देश्य न केवल शैक्षिक योग्यता बढ़ाना है, बल्कि उन्हें रोजगार योग्य भी बनाना है।

कोर्स की प्रमुख विशेषताएँ

  • आधुनिक पाठ्यक्रम: व्यावहारिक कौशल, उद्यमिता और नेतृत्व विकास पर केंद्रित।
  • मल्टीपल एग्जिट पॉइंट्स: छात्र किसी भी समय कोर्स छोड़ सकते हैं और बैचलर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
  • आभासी शिक्षण: पूरी तरह से ऑनलाइन और bilingual माध्यम में उपलब्ध।
  • भाषाई सहायता: AI टूल्स से हिंदी और अंग्रेज़ी में भाषा समर्थन।

शिक्षा का लोकतंत्रीकरण

इस पहल का लक्ष्य है, सेमीअर्बन और रूरल क्षेत्रों के युवा भी उच्च शिक्षा का लाभ ले सकें। इससे उनकी जिंदगी में बदलाव आएगा और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यवसायिक दुनिया में भागीदारी कर सकेंगे। यह कदम शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय और महत्व

शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका शर्मा कहती हैं, “यह कोर्स वास्तव में भारत की बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी परंपरा का सम्मान करता है। यह छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और बहुभाषी दक्षता से लैस करने का एक अच्छा प्रयास है।”

आयुर्वेदिक और शैक्षणिक संस्थान इस कदम को सकारात्मक दिशा में देखते हैं, क्योंकि इससे पढ़ाई की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।

भविष्य के संभावित प्रभाव

यह प्रोग्राम न सिर्फ़ शिक्षण में क्रांति लाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। सभी सेक्टर में bilingual कामकाजी कुशलता की मांग बढ़ रही है, और यह कोर्स इस दिशा में एक जरूरी पहल है।

संबंधित जानकारी

  • अधिक जानकारी के लिए [आधिकारिक वेबसाइट](https://www.iimu.ac.in/) देखें।
  • शिक्षा नीति और विश्वविद्यालयों के अपडेट्स के लिए [Government of India](https://www.mhrd.gov.in/) देखें।

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अंत में, यह कदम भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत हो सकता है, जो आने वाले वर्षों में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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