गुजरात के GIFT City में टेकफिन हब की शुरुआत का अब्बल कदम
गुजरात के GIFT City में हाल ही में टेकफिन (Techfin) और फिनटेक (Fintech) सेक्टर के विकास में बहुत तेजी आई है। इन सेक्टरों को भारत के वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र में नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से, कई बड़ी कंपनियों ने अपने केंद्र खोलने का फैसला किया है। इनमें से सबसे नई योजना HCL Technologies Ltd की है, जो इस क्षेत्र में अपनी पहली मौजूदगी बनाने जा रही है।
HCL Technologies का GIFT City में प्रस्तावित टेकफिन सेंटर
HCL Technologies ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के नियामक आईएफएससीए (IFSCA) के साथ एक आवेदन दायर किया है। इस आवेदन के अनुसार, कंपनी GIFT City में एक टेकफिन केंद्र स्थापित करेगी, जिसमें लगभग 1,500 कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा। यह सेंटर वित्तीय प्रौद्योगिकी (FinTech) के तहत काम करेगा और भारत में वित्तीय सेवा क्षेत्र के साथ-साथ वैश्विक बाजारों को टारगेट करेगा।
कंपनी का मानना है कि GIFT City की विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा और प्रतिभाशाली कर्मियों की उपलब्धता उन्हें अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ देने में मदद करेगी। इस नए सेंटर से HCL Technologies अपनी वैश्विक वित्तीय सेवाओं को मजबूत करने का प्रयत्न करेगा।
गुजरात में फिनटेक सेक्टर का तेजी से विकास
भारत में फिनटेक सेक्टर का विकास अब नई ऊंचाइयों को छू रहा है। GIFT City में इन तकनीकी केंद्रों की स्थापना से न केवल देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इस सेक्टर में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार और नियामक संस्थान मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
यहाँ बता दें कि IFSCA ने पहले ही 18 से अधिक fintech और techfin कंपनियों को मंजूरी दी है। इनमें भारत की बड़ी नामी कंपनियाँ जैसे Infosys, Wipro और Cognizant भी शामिल हैं। इनके अलावा Hexaware Technologies और अन्य कंपनियों ने भी अपने केंद्र खोलने की योजनाएँ बनाईं हैं।
अन्य प्रमुख कंपनियों का GIFT City में निवेश
जैसे ही HCL ने अपने सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया, वैसे-वैसे ही अन्य कंपनियों ने भी GIFT City में अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है। उदाहरण के लिए, Infosys ने जून में अपना Techfin सेंटर शुरू किया, जिसमें लगभग 1,000 कर्मचारी काम करेंगे। यह केंद्र डिजिटल बैंकिंग, नियमावली, ट्रेड फाइनेंस, कॉर्पोरेट बाजार, कार्ड एवं भुगतान, और जोखिम प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सेवाएँ प्रदान करेगा।
इसी तरह, Cognizant ने मई 2025 में अपना सेंटर शुरू किया है, जिसमें शुरू में 600 कर्मचारी काम करेंगे। कंपनी योजना बना रही है कि तीन साल के भीतर इस संख्या को 2000 तक ले जाए।
Wipro और Hexaware जैसी और कंपनियों ने भी GIFT City में अपने टेकफिन केंद्र खोलने की मंजूरी प्राप्त की है। इन पहलों का उद्देश्य भारत को वैश्विक फिनटेक हब बनाने में मदद करना है।
सरकार और नियामक संस्थान की भूमिका
गुड्लीगाइड के रूप में, भारतीय सरकार और नियामक संस्थान GIFT City में तकनीकी और वित्तीय सेवाओं के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं। IFSCA ने हाल ही में Techfin और Ancillary Services Regulation अधिसूचित किया है, जो इन सेक्टरों के विस्तार में सहायक है।
यह नियामक ढांचा भारत से वित्तीय तकनीकी सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करेगा और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत में डिजिटल वित्तीय सेवाएँ और उनके बुनियादी ढांचे का विकास तेज़ी से होगा।
GIFT City का भविष्य और भारत की आर्थिकरण योजना
GIFT City भारत के आर्थिक केंद्र बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यहाँ स्थापित ये टेकफिन केंद्र न केवल नई नौकरियों का सृजन करेंगे, बल्कि भारत के वित्तीय सेवा और तकनीकी उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
मौजूदा आंकड़ों और विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाले महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। इसके तहत, सरकार और निजी सेक्टर मिलकर नए मानकों और उपकरणों का उपयोग कर देश को एक मजबूत वित्तीय हब बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
निष्कर्ष
GIFT City में टेकफिन हब बनाने की यह योजना भारत में वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नई क्रांति ला सकती है। इससे भारत को न केवल घरेलू आर्थिक गतिविधियों में बढ़ावा मिलेगा, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी इसकी भागीदारी मजबूत होगी। सरकार और उद्योग जगत की यह साझेदारी देश के वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र के भविष्य को नई दिशा दे रही है।
आपके विचार में, क्या भारत जल्द ही विश्व का एक बड़ा फिनटेक हब बन सकता है? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें।