परिचय: डारंग कॉलेज का ऐतिहासिक सफर और नई उपलब्धियां
तेज़पुर, 19 जुलाई: उत्तरी असम के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान डारंग कॉलेज, जो कि 26 जुलाई 1945 को स्थापित हुआ था, इस वर्ष अपने 81वीं स्थापना दिवस और 31वीं अलुमनी एसोसिएशन की स्थापना दिवस का जश्न मनाने जा रहा है। इस खास मौके पर कॉलेज एवं अलुमनी एसोसिएशन दोनों के बीच एक संयुक्त उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
डारंग कॉलेज का इतिहास और महत्ता
डारंग कॉलेज की स्थापना उन शिक्षाविदों और सामाजिक नेताओं द्वारा की गई थी, जिन्होंने क्षेत्र की शिक्षा और समाज को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। इस कॉलेज ने वर्षों में अपनी प्रतिष्ठा बनाते हुए न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों में भी अपनी पहचान बनाई है। ये संस्थान 75 से अधिक वर्षों से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और आज यह असम के उच्च शिक्षा क्षेत्र का एक केंद्र बन चुका है।
प्रमुख उपलब्धियां और नवीन सम्मान
इस साल, डारंग कॉलेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से स्वायत्तता की मान्यता प्राप्त हुई है, जो इसकी बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यह उपलब्धि कॉलेज के शिक्षण एवं अनुसंधान क्षमताओं को नए आयाम देने में मदद करेगी। कॉलेज के प्रबंधक और छात्र, दोनों ही इस सफलता का जश्न मना रहे हैं। UGC की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस मंजूरी की जानकारी देखी जा सकती है।
समारोह का कार्यक्रम और प्रमुख अतिथियों का स्वागत
इस वर्ष का स्थापना दिवस समारोह सुबह 9:30 बजे कॉलेज के ध्वजारोहण से शुरू होगा, जिसमें कॉलेज का झंडा फहराया जाएगा। इसके तुरंत बाद, 10:00 बजे अलुमनी एसोसिएशन का झंडा फहराया जाएगा। मुख्य समारोह की शुरुआत 10:30 बजे होगी, जिसमें कई विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया जाएगा। इस अवसर पर कॉलेज के तीन प्रसिद्ध अलुमनी—पंकज कुमार बोरा (अंतरराष्ट्रीय आर्म रेसलिंग रेफरी), उत्तुपल बरूआ (असम सूचना आयुक्त), और डॉ. प्रतिभा शर्मा (सत्रीय केंद्र परियोजना निदेशक, संगित नाटक अकादमी)—को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
शिक्षा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
समारोह के दौरान, छात्रवृत्ति पुरस्कार भी दिए जाएंगे, जिनसे होनहार छात्रों का मनोबल बढ़ेगा। पूरे दिन चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन एक सांस्कृतिक संध्या से होगा, जिसमें कॉलेज के पूर्व छात्र-छात्राओं के कला एवं सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल कॉलेज की उपलब्धियों को दर्शाना है, बल्कि एक साझा इतिहास और भविष्य की दिशा में एकजुटता भी स्थापित करना है।
आगामी ग्रैंड Alumni Reunion: एक पुनर्मिलन का महोत्सव
इसके साथ ही, डारंग कॉलेज के अलुमनी एसोसिएशन ने 26 अक्टूबर को एक ग्रैंड Alumni Reunion के आयोजन की घोषणा की है। इस पुनर्मिलन का उद्देश्य पूर्व छात्रों को फिर से मिलवाना और उनके अनुभवों को साझा करने का अवसर प्रदान करना है। इसके लिए, एक संयोजक समिति और नौ उपसमितियों का गठन किया गया है, जिनमें रजिस्ट्रेशन, प्रचार, संचार, स्वयंसेवक, वित्त, भोजन, प्रकाशन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और मंच एवं साज-सज्जा शामिल हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ और मुख्य आकर्षण
रजिस्ट्रेशन सुबह 9:00 बजे से शुरू होगा, जिसके बाद ध्वजारोहण, श्रद्धांजलि समारोह, वृक्षारोपण, वृहद् परिचर्चा सत्र, वरिष्ठ अभिव्यक्तियों का सम्मान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दिन, प्रतिभागियों को एक स्मारिका और विशिष्ट काव्य संग्रह भी प्रदान किया जाएगा। अग्रिम रजिस्ट्रेशन हेतु न्यूनतम शुल्क ₹1,000 निर्धारित किया गया है। देश-विदेश में बसे पूर्व छात्रों को शीघ्र रजिस्टर करने का आग्रह किया गया है।
संपर्क और रजिस्ट्रेशन लिंक
रजिस्ट्रेशन के लिए आप इन संपर्क सूत्रों पर संपर्क कर सकते हैं:
- डॉ. हेमंत ज्योति नाथ: +91 86380 10346
- अच्युत शर्मा: +91 98643 8923
- इंद्राणी तमुली: +91 92061 10105
- मनोरंजन नाथ (संचार समिति): +91 97069 80622
यह कार्यक्रम न केवल पूर्व छात्रों को फिर से जोड़ने का अवसर है, बल्कि कॉलेज के सामाजिक और शैक्षिक नेटवर्क को मजबूत करने का भी प्रयास है। अधिक जानकारी के लिए Twitter पर अधिकारी अपडेट देखें।
निष्कर्ष और भविष्य की दिशा
डारंग कॉलेज का यह स्थापना दिवस और पुनर्मिलन, न केवल एक पारंपरिक उत्सव है, बल्कि यह शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक जुड़ाव को नई ऊर्जा देने का माध्यम भी है। यह कार्यक्रम कॉलेज के इतिहास को संजोते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। इस तरह के आयोजन, युवाओं में शिक्षा के प्रति समर्पण और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करते हैं।
आइए, इस मौके पर सभी पूर्व छात्र, शिक्षक और सहयोगियों का योगदान सुनिश्चित करें ताकि यह आयोजन अविस्मरणीय और सफल हो सके। यह अवसर न केवल पुराने दिनों को याद करने का है, बल्कि भविष्य में भी नई ऊंचाइयों को पाने का संकल्प लेने का है।