परिचय: कॉमनवेल्थ बैंक और अब्राह्मण आरोप
ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े बैंक, कॉमनवेल्थ बैंक (CBA), पर हाल ही में एक बड़ा आरोप लगा है। उस पर आरोप है कि उसने ‘शैम’ redundancies यानी नकली छंटनी की प्रक्रिया को अंजाम दिया है, ताकि वह सस्ते विदेशी श्रम का लाभ उठा सके। इस मुद्दे ने न केवल बैंकिंग सेक्टर में हलचल मचा दी है, बल्कि श्रम कानून और कार्यस्थल की नैतिकता पर भी सवाल उठाए हैं।
क्या है ‘शैम’ redundancies? – पूरी जानकारी
शैम redundancies का अर्थ है, जब कंपनियां वास्तविक रूप से नौकरियों को खत्म करने के बजाय, छुपे तौर पर कार्य को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर देती हैं। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को झांसा देना या कर बचत करना होता है। विशिष्ट रूप से, इस प्रक्रिया में कंपनी बिना वास्तव में कार्य को खत्म किए, बस कार्यस्थल या पदों को स्थानांतरित कर नए कार्यस्थल पर काम करना शुरू कर देती है।
इस तरह की गतिविधियां अक्सर श्रम नियमों का उल्लंघन होती हैं। ऑस्ट्रेलिया में श्रम कानून और एंटरप्राइज़ एग्रीमेंट (EBA) के तहत, कंपनियों को उचित प्रक्रिया अपनानी होती है, और नकली redundancies पर रोक लगाई गई है।
फैक्ट्स और विवाद: कॉमनवेल्थ बैंक का मामला
जून में, कॉमनवेल्थ बैंक ने घोषणा की कि वह अपनी तकनीकी और रिटेल विभाग में 304 पदों को समाप्त कर रहा है। बैंक का कहना था कि यह कदम व्यावसायिक आवश्यकताओं के कारण उठाया गया है।
लेकिन, फाइनेंस सेक्टर यूनियन का आरोप है कि इस प्रक्रिया में धोखाधड़ी हो रही है। यूनियन का आरोप है कि बैंक ने अपने भारतीय सब्सिडियरी, बैंगलोर में, उन ही पदों के विज्ञापन दिए हैं, जो उनके कर्मचारियों के छंटनी के कारण खाली पड़े थे।
यूनियन के अनुसार, करीब 110 पद ऐसे थे, जिनके नाम और जिम्मेदारियां वही थीं, जो छंटनी के समय वाले पदों से मेल खाते थे। यह दिखाता है कि बैंक असल में केवल कामकाज को भारतीय शाखा में स्थानांतरित कर रहा है, ताकि श्रम लागत कम की जा सके।
एंटरप्राइज़ एग्रीमेंट (EBA) का उल्लंघन
यूनियन का तर्क है कि कॉमनवेल्थ बैंक ने अपने EBA के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है। इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि कार्य की आवश्यकता नहीं रह गई है, या कार्य स्थान बदला जाना है यानी किसी स्थान से दूसरे स्थान पर जाना है, लेकिन वह उचित दूरी से बाहर है, तो ही redundancies को जायज माना जा सकता है।
यहां मुख्य बात यह है कि बैंक ने खुद के ही पदों का विज्ञापन करके, यह दिखाने की कोशिश की कि ये नौकरियां अब भारत में हैं। इससे साफ दिखता है कि कर्मचारी धोखा दे रहे हैं, और कंपनी अपने लाभ के लिए यह कदम उठा रही है।
ऊर्जा और मानव हित: कर्मचारी कितने व्यथित हैं?
बैंक कर्मचारियों और यूनियन का कहना है कि यह कदम उनके भरोसे और वर्क नैतिकता के खिलाफ है। कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो वर्षों से बैंक के साथ जुड़े हैं, और उन्हें अचानक से नौकरी से निकाल दिया गया। इससे उनके परिवार, वित्तीय स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है।
यूनियन के सचिव, Julia Angrisano, ने कहा, “यह बहानेबाजी है, ताकि कंपनियां श्रम लागत कम कर सकें। यह अत्यंत भ्रष्टाचारपूर्ण कदम है, और देश के सबसे अमीर कंपनी द्वारा ऐसा करना निंदनीय है।”
उन्होंने यह भी बताया कि, असली redundancies के मुकाबले, ये कदम टैक्स में भी छूट दिलाने का प्रयास है, जिससे सरकार की आय भी कम हो रही है।
क्या आगे कदम होंगे? – न्यायालय का रुख
फिलहाल, यूनियन ने यह मामला ऑस्ट्रेलिया के फेयर वर्क कमीशन (Fair Work Commission) में ले जाने का फैसला किया है। इसमें यूनियन का तर्क है कि कंपनी ने श्रम कानून का उल्लंघन किया है, और इन कर्मचारियों को वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा है।
इस विवाद के समाधान के लिए, विश्लेषकों का कहना है कि सरकार या न्यायालय को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। यदि साबित हो कि कंपनी ने धोखाधड़ी की है, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
मीडिया और सोशल मीडिया का रुख
इस विवाद को सार्वजनिक मंचों पर बहुत.tooltip चर्चा मिल रही है। सोशल मीडिया पर कई लोग कंपनी के खिलाफ समर्थन जता रहे हैं, वहीं कुछ विशेषज्ञ इसे कार्यस्थल की नैतिकता का प्रश्न मानते हैं। अधिकारिक सूत्र भी इस मामले पर निगरानी बनाए हुए हैं।
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समापन: क्या यह मुद्दा बदलाव लाएगा?
यह मामला दिखाता है कि वैश्विक स्तर पर कंपनियां कैसे श्रम कानूनों और नैतिकता को ताक पर रखकर, अपने लाभ के लिए नई रणनीतियां अपनाती हैं। श्रम कानून का उल्लंघन करना न केवल कर्मचारियों के अधिकारों का अपमान है, बल्कि यह देश की आर्थिक नैतिकता के भी खिलाफ है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए, ताकि आने वाले समय में कार्यस्थल पर नैतिकता और न्याय का पालन हो सके।
यह विवाद एक बार फिर से इस बात की जरूरत को रेखांकित करता है कि श्रम कानून और कार्यस्थल की नैतिकता का पालन कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब कंपनियां अपने आर्थिक लाभ के लिए नियमों का दुरुपयोग कर रही हों।
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