बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें विपक्षी नेता राहुल गांधी द्वारा हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के बारे में किए गए ‘अपरिपक्व’ बयानों पर आपत्ति जताई गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट राहुल गांधी को निर्देश दे कि वह अपने बयान से पहले सावरकर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
यह याचिका मुंबई के प्राध्यापक पंकज के. फडणवीस द्वारा दायर की गई थी, जो अभिनव भारत कांग्रेस नामक एक थिंक टैंक के संस्थापक अध्यक्ष हैं। याचिका में सावरकर पर उनके शोध और इतिहास संबंधी कार्य का भी उल्लेख किया गया है।
प्राध्यापक का आरोप था कि मार्च 2023 में लंदन में राहुल गांधी ने सावरकर को मुसलमानों का अपमान करने वाला और डरपोक बताया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि 25 मार्च 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, “मेरा नाम सावरकर नहीं, मैं गांधी हूँ और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।”
याचिका में आगे कहा गया कि राहुल गांधी, लोकसभा में नेता विपक्ष हैं और भविष्य में प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। इसलिए, उन्हें तथ्यों के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया कि यदि राहुल गांधी को सावरकर के बारे में सही जानकारी देने और उन्हें अपने बयान सुधारने का अवसर दिया जाता है, तो यह देश के हित में होगा।
हाई कोर्ट के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप माने की खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही फडणवीस द्वारा दायर एक समान याचिका को खारिज कर चुका है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह राहुल गांधी को याचिका पढ़ने का निर्देश नहीं दे सकता। अदालत ने यह भी पूछा कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे, इस पर भी संदेह व्यक्त किया। अंत में, कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने नोट किया कि सावरकर के परपोते सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज कराया है, जो अभी पुणे की विशेष सांसद/विधायक अदालत में लंबित है।
यह खबर 15 जुलाई, 2025 को शाम 11:40 बजे प्रकाशित हुई।