भारत में टर्म इंश्योरेंस अपनाने के लिए विश्व देशों से सीखें अहम बातें

देखिए क्यों टर्म इंश्योरेंस का महत्व वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है

आज के समय में जीवन बीमा विशेष रूप से टर्म इंश्योरेंस भारत में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह ऐसी योजना है, जो एक निश्चित अवधि के लिए जीवन का बीमा प्रदान करती है, और यदि उस अवधि में बीमाधारक का निधन हो जाता है, तो लाभक के रूप में पूरे बीमाधन का भुगतान होता है।
लेकिन क्या भारत इस क्षेत्र में दूसरे देशों से कुछ सीख सकता है? दुनिया के कुछ विकसित देशों में, टर्म इंश्योरेंस न केवल जीविका सुरक्षा का अहम हिस्सा है, बल्कि यह गरीबी को रोकने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि अन्य देशों में इस योजना का व्यापक इस्तेमाल क्यों और कैसे हो रहा है।

विकसित देशों में टर्म इंश्योरेंस का रुतबा और भूमिका

सिंगापुर: वित्तीय सुरक्षा का मजबूत आधार

सिंगापुर, जिसे अपनी सुव्यवस्थित व्यवस्था और वित्तीय जागरूकता के लिए जाना जाता है, में जीवन बीमा का महत्त्व बहुत अधिक है। यहाँ 2023 में, कुल बीमा प्रीमियम का लगभग 72% हिस्सा जीवन बीमा का है।
यहां के लोग अपनी जीवन बीमा योजनाओं में औसतन S$331,200 का कवरेज लेते हैं। सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस तरह की योजनाएँ बनाते हैं, जिनसे परिवारों को unforeseen परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
सिंगापुर की यह स्थिति हमें यह दिखाती है कि जागरूकता और योजनाबद्ध बीमा क्यों जरूरी है।

दक्षिण कोरिया: बीमा का विस्तार और सामाजिक सुरक्षा

दक्षिण कोरिया में लगभग 85% परिवार जीवन बीमा से जुड़े हैं। यहाँ प्रति व्यक्ति औसत बीमा कवरेज KRW 50 मिलियन से अधिक का है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, इस देश में जीवन बीमा की भूमिका और भी स्पष्ट हो गई। जब लोग अस्पताल गए, नौकरी गए और मेडिकल खर्च का बोझ बढ़ा, तो निजी बीमा योजनाएँ ही एक मुख्य सहारा बनकर सामने आईं।
यह उदाहरण दिखाता है कि मजबूत निजी बीमा व्यवस्था कैसे राष्ट्रीय संकट के समय में नागरिकों का सहारा बनती है।

जापान: विश्व का सबसे विकसित बीमा बाजार

जापान का जीवन बीमा बाजार विश्‍व में तीसरे स्थान पर है। यहाँ 90% से अधिक घरानों के पास कम से कम एक जीवन बीमा योजना है।
यहा के लोग अपने जीवन और स्वास्थ्य को लेकर बहुत जागरूक हैं। सरकार की स्वास्थ्य योजनाएँ और पेंशन सिस्टम भी मजबूत हैं, फिर भी निजी बीमा उनका एक जरूरी साथी है।
महामारी के समय, जापान ने अपने बीमा नेटवर्क का सदुपयोग किया और जीवन बीमा ने जीवन की आपदाओं से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत में क्यों जरूरी है इस तरह का मॉडल अपनाना?

भारत में, अभी भी लोगों में जीवन बीमा की जागरूकता कम है, और बीमा पॉलिसियों का कवरेज बहुत सीमित है। नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्टें दर्शाती हैं कि जीवन में मुख्य कमाई करने वाले का निधन भारत में गरीबी के चक्र को तेजी से बढ़ा सकता है।
विशेष रूप से, ग्रामीण और निम्न आय वर्ग में यह स्थिति और भी गंभीर है।
अगर भारत अपने देश के आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को मजबूत करना चाहता है, तो हमें टर्म इंश्योरेंस को अधिक से अधिक बढ़ावा देना चाहिए। यह न केवल परिवारों को सुरक्षा देगा, बल्कि गरीबी के चक्र को तोड़ने में भी मदद करेगा।

कैसे कर सकते हैं भारत में बदलाव?

  • सरकार द्वारा जागरूकता अभियान: लोगों को जीवन बीमा की जरूरत और फायदे के बारे में जागरूक करना।
  • सस्ता और सुलभ योजनाएँ: कमआयी वर्ग के लिए उपयुक्त बीमा योजनाएं लाना।
  • टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बीमा खरीदने और क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाना।
  • स्कूल और कॉलेज स्तर पर शिक्षा: वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना ताकि युवा पहले ही बीमाधारक बन सकें।

निष्कर्ष

हम देख सकते हैं कि विश्व के विकसित देशों में जीवन बीमा का व्यापक प्रयोग क्यों जरूरी है। यह व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय आर्थिक स्थिरता में भी मदद करता है। भारत में भी यदि हम इन उदाहरणों से सीखें और अपनी बीमा व्यवस्था को मजबूत करें, तो हम अपनी जनता को बेहतर आर्थिक सुरक्षा दे सकते हैं।
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अधिक जानकारी के लिए आप PIB इंडिया के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट देख सकते हैं।

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