आमंत्रित है भारत के सबसे स्वच्छ शहर: अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ हैं टॉप पर

भारत सरकार ने वार्षिक ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ (Swachh Survekshan) के परिणाम公布 किए हैं, जिसमें अहमदाबाद को देश का सबसे स्वच्छ बड़ा शहर घोषित किया गया है। इसके बाद क्रमशः भोपाल और लखनऊ का स्थान आता है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शहरों में स्वच्छता की स्थिति का आकलन करना है और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना है।

इस वर्ष नई शुरुआत के तहत ‘सुपर स्वच्छ लीग’ की शुरुआत की गई है, जिसमें इंदौर, सूरत, नवी मुंबई और विजयवाड़ा ने हिस्सा लिया। ये शहर ‘मिलियन-प्लस’ आबादी श्रेणी में निरंतर उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किए गए। वहीं नोएडा, चंडीगढ़ और मैसूर जैसी शहरें ‘3 से 10 लाख’ आबादी वर्ग में और नई दिल्ली को ‘50,000 से 3 लाख’ आबादी श्रेणी में स्थान मिला है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25’ पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस बार की प्रतियोगिता में नई श्रेणी ‘स्वच्छ शहर’ का भी विचार किया गया, जिसमें अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। महाराष्ट्र के मिरा भायंदर को ‘3-10 लाख’ आबादी वर्ग में प्रथम स्थान मिला, उसके बाद बिलासपुर (मध्य प्रदेश) और जमशेदपुर (झारखंड) का स्थान है।

पुरस्कारों में प्रयागराज को ‘सर्वश्रेष्ठ गंगा नगर’ का पुरस्कार मिला, वहीं सिकंदराबाद कैण्टनमेंट को उसकी उत्कृष्ट स्वच्छता प्रयासों के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ कैण्टनमेंट बोर्ड’ का सम्मान दिया गया। विशाखापट्टनम, जबलपुर और गोरखपुर को ‘सर्वश्रेष्ठ सैफईमित्र सुरक्षित शहर’ घोषित किया गया, जो सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा एवं गरिमा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार, प्रयागराज मेला प्राधिकरण और नगर निगम को इस वर्ष के महाकुंभ में उनके चतुराईपूर्ण कचरा प्रबंधन के लिए सम्मानित किया गया। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन था, जिसमें अनुमानित 66 करोड़ लोगों ने भाग लिया।

सरकार ने यह भी कहा कि इस वर्ष के सर्वेक्षण में छोटे शहरों को भी बराबर का मौका दिया गया है, ताकि वे बड़े शहरों के समान प्रतिस्पर्धा कर सकें। ‘एक शहर, एक पुरस्कार’ के सिद्धांत के तहत, प्रत्येक राज्य के टॉप प्रदर्शन करने वाले शहरों को ‘प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर’ का सम्मान मिला है। कुल 34 शहरों ने इस मानदंड को पूरा किया है, जो उनके शहरी स्वच्छता और साफ-सफाई के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति का संकेत है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने केंद्र के आवास और शहरी मामलों के मंत्री की प्रशंसा की और ‘कम, पुनः प्रयोग, रीसायकल’ (3R) दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “अपशिष्ट सर्वोत्तम है” और यह “आर्थिक चक्रीयता” को सशक्त बनाता है। उन्होंने स्वच्छता की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए यह भी कहा कि ‘वेस्ट टू वेल्थ’ (अपशिष्ट से संपदा) का मंत्र हमारे संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करता है।

सरकार के अनुसार, इस सर्वेक्षण में लगभग 14 करोड़ लोग शामिल हुए, जिन्होंने फेस-टू-फेस इंटरैक्शन, स्वच्छता ऐप, माईगव और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भाग लिया। यह व्यापक भागीदारी स्वच्छता के प्रति जनता की जागरूकता और समर्पण को दर्शाती है।

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