वर्तमान व्यापार जगत में अनिश्चितता का दौर: क्यों जरूरी है मजबूत और ‘अंतःस्थीय’ स्टार्टअप?
आज का आर्थिक माहौल बहुत ही अनिश्चित और परिवर्तनशील है। मंदी, आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएँ, नई तकनीकों का तेजी से विकास – ये सभी कारक व्यवसायों के लिए बड़ी चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं। ऐसे में, केवल स्थिरता ही नहीं, बल्कि ऐसी संगठनात्मक प्रणाली बनाना जरूरी हो गई है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी मजबूत बन सके। इसी संदर्भ में, ‘अंतःस्थीय’ यानी ‘anti-fragile’ संगठनात्मक ढांचा चर्चा का केन्द्र बन रहा है।
‘अंतःस्थीय’ यानी मजबूत संगठन की विशेषताएँ
1. लगातार सीखना और सुधारना
नासिम Nicholas Taleb, जो इस विचारधारा के प्रमुख विचारक हैं, कहते हैं कि ऐसी संस्थाएँ, जो ‘अंतःस्थीय’ होती हैं, संकट के समय केवल बचने का प्रयास नहीं करतीं, बल्कि संकट को अवसर में बदलकर और भी मजबूत बनती हैं। ये संगठन गलतियों से सीखने का माहौल तैयार करते हैं, जिससे अनुभव बढ़ता है और भविष्य में सफलता के रास्ते आसान होते हैं।
2. अवरोधों को अवसर में बदलना
आर्थिक मंदी या आपूर्ति बाधाओं जैसी घटनाएँ सामान्यतः व्यवसायों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। लेकिन ‘अंतःस्थीय’ कंपनी इन बाधाओं को साथी बनाकर, नई दिशा में कदम बढ़ाती है। ये संगठन परिवर्तन के समय लचीलेपन का परिचय देते हैं और संकटों का सामना करने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाते हैं।
3. संगठनात्मक ‘विफलता’ को स्वीकार करना और उससे सीखना
आम धारणा है कि गलतियाँ करने वाला संगठन कमजोर होता है। लेकिन इस विचार के विपरीत, ‘अंतःस्थीय’ संगठन उन गलतियों को स्वीकार करते हैं और उससे सीखते हैं। इस प्रक्रिया से संगठन में सुधार की प्रक्रिया तेज होती है और भविष्य में बेहतर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
नेता और संगठनात्मक संस्कृति: किन बातों का करना है ध्यान?
विलुप्त होने के बजाय vulnerability को अपनाना
आधुनिक शोध बताता है कि ऐसे नेता जो अपनी कमजोरियों को छुपाने के बजाय उन्हें सार्वजनिक करते हैं, वे अपने संगठन में विश्वास और स्वतंत्रता की भावना पैदा करते हैं। इस प्रकार, वे अपने कर्मचारियों को भी प्रोत्साहित करते हैं कि वे भी अपने अनुभव साझा करें और मिलकर नई समस्याओं का समाधान खोजें।
समानता और खुलापन और टीम भावना
समीक्षा और feedback का इस आधुनिक संगठनात्मक संस्कृति में बड़ा महत्व है। जब नेता और कर्मचारी दोनों ही अपने अनुभव को साझा करते हैं, तो कार्यस्थल का माहौल सकारात्मक और सहयोगी बनता है। एक उदहारण के तौर पर, Nursa के CEO Curtis Anderson ने अपने कर्मचारियों की बचपन की तस्वीरें साझा करने की व्यवस्था बनाई, ताकि सभी का संपर्क अधिक सहज और भरोसेमंद हो सके।
उदाहरण और सफलता की कहानियाँ
भारत में भी कई स्टार्टअप्स और कंपनियाँ इन नई रणनीतियों को अपना रही हैं। उदाहरण के तौर पर, Headway जैसी कंपनी जो मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करती है, अपने कर्मचारियों को ‘अल्टीमेट प्रदर्शन मानक’ पर काम करने के लिए प्रेरित करती है। इस कंपनी की रिपोर्ट कहती है कि इससे कर्मचारियों में ऊर्जा और उत्साह बना रहता है, और वे अपनी पूरी क्षमताओं का प्रयोग कर पाते हैं।
आखिरी विचार: क्या हमें भी अपनी व्यवसायिक सोच में बदलाव लाना चाहिए?
जैसे-जैसे कारोबारी माहौल बदल रहा है, वैसे-वैसे हमें भी अपनी रणनीतियों में लचीलापन और मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए। ‘अंतःस्थीय’ संगठन एक नई दिशा है, जो न केवल संकट से बचने में मदद करता है, बल्कि संकट को अवसर में बदलकर सफलता की नई मिसाल कायम करता है। यह सोच हमारी व्यवसायिक परंपराओं में बदलाव लाने का समय है।
क्या आप भी अपने व्यवसाय में इन नए विचारों को अपनाने के लिए तैयार हैं? नीचे कमेंट करें और हमें अपने विचार बताएं।
अधिक जानकारी के लिए, आप पीआईबी वेबसाइट या नासिम Nicholas Taleb की वीकिपीडिया पेज पर भी अध्ययन कर सकते हैं।
विजुअल सुझाव: एक प्रेरणादायक इन्फोग्राफिक जिसमें ‘अंतःस्थीय’ संगठन के मुख्य सिद्धांत दिख रहे हों।
यह आलेख हमारी वर्तमान समय की अनिश्चितता में एक नई तोड़ देने वाली सोच का परिचय कराता है, जो हर व्यवसाय के लिए आवश्यक है।