एयर इंडिया दुर्घटना: पूर्व DGCA निरीक्षक का दावा, पायलटों के बीच ‘गुत्थी’ और ‘उलझन’ की स्थिति की रिपोर्ट

पूर्व डीजीसीए उड़ान संचालन निरीक्षक कप्तान प्रशांत धल्ला ने गुरुवार (17 जुलाई 2025) को ANI से बात करते हुए वॉल स्ट्रीट जर्नल की उस खबर पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें अहमदाबाद में पिछले महीने हुए एयर इंडिया AI 171 विमान दुर्घटना का जिक्र था। रिपोर्ट में उल्लेखित ‘ट्रांजिशन’ शब्द पर उन्होंने प्रकाश डाला और बताया कि इस रिपोर्ट का संकेत है कि पायलटों के बीच चुनौती-प्रतिक्रिया का एक गतिशील संबंध है, जिसके कारण भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

कप्तान धल्ला ने कहा, “रिपोर्ट में एक विशेष शब्द का प्रयोग किया गया है – ‘ट्रांजिशन’। fuel control switches के ट्रांजिशन का जिक्र है। यह दर्शाता है कि पायलटों के बीच चुनौती-प्रतिक्रिया का एक गतिशील संबंध है, जिससे भ्रम की स्थिति बन सकती है और क्रू संसाधन प्रबंधन (CRM) में बाधा आ सकती है।”

उन्होंने आगे कहा, “यदि विमान में कोई बदलाव हुआ है तो वे इन स्विचों का उपयोग करके पावर पुनः प्राप्त करने की कोशिश करते। यदि इन स्विचों की लॉकिंग मेकेनिज्म में कोई समस्या थी, तो पायलट भी असहाय हो सकते थे।”

वहीं, भारतीय पायलट संघ (FIP) के अध्यक्ष सी.एस. रंधावा ने गुरुवार को उस मीडिया रिपोर्ट की निंदा की, जिसमें दावा किया गया था कि उड़ान के कप्तान ने जानबूझकर ईंधन को बंद कर दिया।

रंधावा ने कहा, “एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि पायलटों ने ईंधन नियंत्रण स्विच बंद किए। यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से कहती है कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि ईंधन स्विच को पायलट ने गलती से बंद किया।”

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट पर बिना पूरी जानकारी के टिप्पणी करना उड़ान सुरक्षा के प्रति गलतफहमी और भय पैदा कर सकता है।

इस दुर्घटना में शामिल दोनों पायलट थे कप्तान सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, जिनके पास क्रमशः 15,638 और 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था।

भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो द्वारा पिछले सप्ताह जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में विमान के कॉकपिट में जून 12 की दुर्घटना से पहले भ्रम की स्थिति का संकेत मिला है और फ्यूल कटऑफ स्विच की स्थिति को लेकर नई जिज्ञासा पैदा हुई है।

बोइंग ड्रीमलाइंटर 787-8 विमान, जो अहमदाबाद, गुजरात में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, में 260 लोग मारे गए, जिनमें 229 यात्री, 12 चालक दल सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद लोग शामिल हैं।

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