सिंगापुर शेयर बाजार का पहला हाफ़: आशाजनक शुरुआत
सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स (STI) 2025 में अब तक की अपनी सबसे अच्छी प्रदर्शन दिखा रहा है। मार्च में यह पहली बार 4,000 के ऊपर पहुंचा और जुलाई में 4,200 का आंकड़ा पार कर गया। यह संकेत देता है कि निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है और मार्केट में तेजी का माहौल बना हुआ है।
इस साल की शुरुआत से ही यह सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज कर चुका है, जबकि पिछले 12 महीनों में इसकी बढ़ोतरी लगभग 20 प्रतिशत रही है। यह सब मजबूत कॉरपोरेट कमाई, डिविडेंड्स और सरकार की नई योजनाओं का परिणाम है, ताकि शेयर बाजार को फिर से परिपक्व और आकर्षक बनाया जा सके।
वैश्विक तनाव और व्यापार नीति का असर
हालांकि वैश्विक ट्रेड और भू-राजनीतिक तनाव जैसे मुद्दों ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई थी, फिर भी सिंगापुर के बाजार ने अपनी मजबूती कायम रखी। अमेरिका में 5 अप्रैल से शुरू हुए 10 प्रतिशत टैरिफ (टैरिफ शुल्क) को लेकर भी बाजार ने सतर्कता दिखाई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी होने वाले टैरिफ उतनी खतरनाक नहीं हैं, जितनी शुरुआत में लग रही थीं।
UBS की गणना के अनुसार, अमेरिका में सामानों पर औसत भारित टैरिफ 16 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि 2024 में यह केवल 2.5 प्रतिशत था। यदि सभी टैरिफ अस्थायी रूप से लागू कर दिए गए, तो यह दर 21 प्रतिशत तक पहुँच सकती है।
एशिया-प्रशांत में टैरिफ का प्रभाव
JP Morgan के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ASEAN देशों को भी उच्च टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। चीन से ट्रांसशिपमेंट को रोकने के लिए ये टैरिफ स्तर बढ़ सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय व्यापार प्रभावित हो सकता है। खासतौर पर सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को इससे अधिक नुकसान हो सकता है, जो कि ASEAN के कुल निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं।
इस तरह के बढ़ते टैरिफ स्तर वैश्विक आर्थिक वृद्धि की भविष्यवाणियों को कमजोर बना सकते हैं। अमेरिका में मंदी की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं, जो विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति की स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।
सिंगापुर की अर्थव्यवस्था का सामना
सिंगापुर की निर्यात-प्रधान अर्थव्यवस्था इस स्थिति में अभी तक मजबूत बना हुआ है, लेकिन आने वाले समय में वैश्विक आर्थिक मंदी और टैरिफ की नीति के चलते इसकी गति धीमी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्लोबल इकोनॉमी में संभावित गिरावट और अनिश्चितताओं के कारण 2025 के दूसरे हाफ़ में बाजार की चाल में बदलाव आ सकता है।
फिर भी, सरकार और नियामक संस्थान इस स्थिति को संभालने के लिए सक्रिय हैं। नए निवेश प्रोत्साहन और आर्थिक सुधारों से बाजार को स्थिरता देने का प्रयास किया जा रहा है।
आगे के रास्ते की संभावना
आगे देखा जाए तो, STI की बढ़त का रुख बाजार की वैश्विक स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार संबंध अच्छे रहे और टैरिफ की नीति में स्थिरता आई, तो सिंगापुर का बाजार आगे भी मजबूती से बढ़ सकता है।
साथ ही, निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे सतर्क रहें, नई रिपोर्टों और सरकार के नीतिगत बदलावों पर नजर रखें। विशेषज्ञ कहते हैं कि दीर्घकालिक निवेश से ही जोखिम को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष: वैश्विक परिवर्तनों के बीच स्थिरता की तलाश
सिंगापुर की स्टॉक मार्केट का प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि वैश्विक अव्यवस्थितियों के बीच भी मजबूत आर्थिक संकेतक मौजूद हैं। हालांकि, आने वाले समय में टैरिफ जैसी नीतियों के प्रभाव के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इसलिए, स्मार्ट निवेशक सतर्क होकर स्थिति का विश्लेषण कर ही निर्णय लें।
यह स्थिति यह भी दिखाती है कि वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक नीतियों का असर घरेलू बाजार पर कितना बड़ा हो सकता है। इस विषय पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करें।
चित्र: सिंगापुर स्टॉक मार्केट का हालिया प्रदर्शन दर्शाती चार्ट।
अधिक जानकारी के लिए देखें RBI की वेबसाइट और STI पर विकिपीडिया.