बिहार में महिलाओं के नेतृत्व में विकास का नई ऊंचाइयों पर पहुँचना: जानिए कैसे भारत 2047 तक हो रहा है समृद्ध

प्रस्तावना: भारत के विकास के नए आयाम

देश के विकास के मार्ग में महिलाओं की भूमिका अब सिर्फ चर्चा का विषय नहीं रह गई है, बल्कि यह एक वास्तविक और प्रभावशाली आंदोलन बन चुका है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पटना में आयोजित एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में यह कहा कि 2047 तक भारत का विकास महिला नेतृत्व के बिना असंभव है। यह बयान देशभर में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार कर रहा है।

बिहार में महिलाओं का प्रभावशाली योगदान

बिहार में महिलाओं की स्थिति में बड़े सुधार हुए हैं। यहां की सरकार महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। सरकार की इन पहलों का परिणाम है कि प्रदेश में महिला नेतृत्व में बढ़ोतरी देखी गई है। इसी क्रम में, बिहार की महिलाएँ अब पंचायत से लेकर उच्च पदों तक अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं।

विकास की नई दिशा: महिलाओं की भागीदारी

बिहार में महिलाओं के नेतृत्व में हुए सुधारों का उदाहरण अनेक है। राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में 50% आरक्षण देकर महिलाओं को राजनीति में भागीदारी का अवसर प्रदान किया है। इसके अलावा, पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं में भी महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। इन प्रयासों का परिणाम है कि महिलाओं की आवाज़ अब पूरी ताकत से सुनाई दे रही है।

मुख्य मुद्दे और योजनाएँ: भारत की योजनाएँ और उपलब्धियाँ

डॉ. सिंह ने बताया कि भारत में वर्तमान में 1.7 लाख स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से लगभग 76,000 महिलाओं द्वारा स्थापित हैं। इन महिलाओं ने अपने सृजनात्मक प्रयासों से 17 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन किया है। यह महिलाओं की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों से आने वाली महिलाएँ नई तकनीकी और व्यवसायिक दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

महिला सशक्तिकरण के मुख्य स्तंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘महिला-नेतृत्व वाले विकास’ के विजन को साकार करने के लिए सरकार ने चार प्रमुख स्तंभ तय किए हैं:

  • सुविधा और संस्थागत समावेशन: महिलाओं को सरकारी योजनाओं में भागीदारी का लाभ देना।
  • विज्ञान और तकनीक में सशक्तिकरण: महिला वैज्ञानिकों को बढ़ावा देना और STEM क्षेत्रों में अवसर प्रदान करना।
  • आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण: घर के स्वामित्व, बैंक खातों और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना।
  • कार्यस्थल सुधार और कानूनी संवेदनशीलता: मातृत्व अवकाश, सोशल सुरक्षा और कानूनी संरक्षण प्रदान करना।

साइंस और टेक्नोलॉजी में महिलाओं की भूमिका

सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे WISE, GATI, CURIE और Women Scientist Programme ने महिलाओं को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में पुनः सक्रिय करने में मदद की है। पटना में महिला कॉलेज का CURIE योजना के तहत चयनित होना बिहार की नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। इससे न केवल शिक्षण और अनुसंधान की दिशा में बदलाव आएगा बल्कि युवाओं में भी विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ेगी।

आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम

जन धन खातों, मुद्रा योजना, और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं का वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर रही है। वर्तमान में 48 करोड़ से अधिक महिलाओं के खाते खुल चुके हैं, जबकि 60% मुद्रा योजना लाभार्थी महिलाएँ हैं। इन नई पहल से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता में वृद्धि हुई है, जो समाजिक सुरक्षा का भी आधार बन रही है।

सामाजिक और कानूनी सुधार

महीनों में छह महीने का बाल देखभाल अवकाश, मातृत्व संबंधी कानूनी प्रावधान, और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं के अधिकार जैसी नीतियों को लागू करके मोदी सरकार ने एक सहयोगी और संवेदनशील माहौल बनाया है। इन कदमों से महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान मिल रहा है।

महिला नेतृत्व के उदाहरण

डॉ. सिंह ने चंद्रयान-3 की कल्पना करने वाली कल्पना कुमारी और ‘अदित्य-1’ मिशन में कार्यरत महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि अब महिलाएँ न सिर्फ विज्ञान पथ पर आगे बढ़ रही हैं, बल्कि नेतृत्व के सर्वोच्च पदों तक पहुँची हैं। इसके अलावा, सीएसआईआर जैसे अनुसंधान संस्थान की शुरुआत में ही तीन महिलाएँ प्रमुख पदों पर हैं।

बिहार की प्रगति और भविष्य की दिशा

बिहार सरकार ने महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का निर्णय लिया है, जो राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यहाँ की महिलाएँ पहले से ही शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। राज्य सरकार इन प्रयासों का लाभ देशभर में फैलाने का लक्ष्य रखती है।

निष्कर्ष: महिलाओं का नेतृत्व, भारत का भविष्य

देश में महिलाओं के नेतृत्व का बढ़ना न केवल समाज की समावेशिता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक विकास की नई राह भी खोल रहा है। जैसे-जैसे महिलाएँ अधिक सक्रिय होंगी, भारत का भविष्य और भी उज्जवल और समृद्ध हो सकता है। यह अभियान समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है।

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अधिक जानकारी के लिए आप पीआईबी ट्विटर अपडेट या भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।

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