ऑस्ट्रेलिया के सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ और शोध प्रमुख Herve Lemahieu का मानना है कि भारत-आस्ट्रेलिया संबंधों में हो रहे तेजी से बदलाव के बीच, इन दोनों देशों के बीच थिंक टैंक संसाधनों का मजबूत निर्माण आवश्यक हो गया है। Sydney स्थित Lowy Institute के रिसर्च डायरेक्टर Herve Lemahieu ने यह बात कही है। उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब ऑस्ट्रेलिया ने ‘मित्रि ग्रांट्स’ की घोषणा की है, जिनके तहत भारत के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के लिए एक प्रतिष्ठित विद्वान की भर्ती की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर तरीके से प्रस्तुत करना है।
Herve Lemahieu ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया के सार्वजनिक और नीति संबंधी बहसें तेज़ी से बदलते द्विपक्षीय साझेदारी के साथ कदम मिलाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन थिंक टैंक को भी भारत को व्यापक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में स्थापित करने का काम बेहतर ढंग से करना चाहिए। वर्तमान वैश्विक राजनीति में भारत एक केंद्रीय भूमिका निभाएगा।”
उनका यह भी कहना है कि ‘India Chair’ का नया पहलू ऑस्ट्रेलिया में भारत के प्रति समझ को बढ़ावा देगा, जिससे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। Lemahieu ने यह भी बताया कि भारत को ‘एक रणनीतिक स्थिरता का स्तंभ’ मानते हुए कहा, “भारत की दिशा, शक्ति और विविध हितों को समझना अब हमारे लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।”
Lowy Institute का यह विश्व स्तरीय अनुसंधान कार्यक्रम भारत को हमारे अनुसंधान एजेंडे में ऊपर उठाएगा। यह न केवल नए टैलेंट और नई दृष्टिकोण लाएगा, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की क्षेत्र में उसकी भागीदारी को और भी गहरा करेगा। ऑस्ट्रेलिया और भारत क्वाड समूह में साझेदार हैं, जिसमें जापान और अमेरिका भी शामिल हैं। दोनों देशों का सहयोग भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद शुरू हुआ था और वे वर्तमान में Indo-Pacific क्षेत्र सहित ASEAN समूह के मुद्दों पर भी मिलकर कार्य कर रहे हैं।
मित्रि ग्रांट्स के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें राजा रवि वर्मा की चित्रकला प्रदर्शनी, वार्षिक नेतृत्व संवाद और स्वच्छ ऊर्जा तथा बायोमैन्युफैक्चरिंग जैसे नवीन अनुसंधान क्षेत्र भी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त Philip Green ने Lowy Institute की इस पहल की प्रशंसा की और कहा, “Lowy Institute में India Chair ऑस्ट्रेलियाई लोगों को भारत को गहराई से समझने का अवसर देगा। हमारे समाज भले ही अलग हों, लेकिन साझा हितों को समझकर हम इस साझेदारी का बेहतर लाभ उठा सकते हैं।”
यह पहल भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को नई दिशा देने और दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।