केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को राज्यों से प्रोत्साहन योजना को सफलतापूर्वक लागू करने का आग्रह किया है। इस योजना का उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में। उन्होंने यह अपील राज्यों के श्रम मंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान की। इस बैठक में योजना के कार्यान्वयन के तरीके और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सहयोगी रणनीतियों पर चर्चा की गई।
मंत्री मंडाविया ने कहा कि ईलआई (Employment Linked Incentive) योजना आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में दूसरा कदम है, जो पहले पीएलआई (Production Linked Incentive) योजना के बाद आती है। उन्होंने बताया कि यह योजना नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिससे वे अधिक रोजगार सृजित कर सकें। खास कर युवा वर्ग के लिए यह योजना फायदेमंद साबित होगी। यह दोनों ही पक्षों के लिए लाभकारी होगी—नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों के लिए।
मंत्री ने यह भी कहा कि श्रम और उद्योग दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, और दोनों का समन्वय आवश्यक है ताकि देश के श्रमशक्ति और अर्थव्यवस्था का विकास किया जा सके। उन्होंने राज्यों को भरोसा दिलाया कि इस योजना के तहत प्रक्रिया को सरल रखा गया है ताकि अधिक से अधिक भागीदारी हो सके।
आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दशक में लगभग 17 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं। यह देश की आर्थिक प्रगति का प्रमाण है, जो निर्माण, विनिर्माण और सेवाओं जैसे क्षेत्रों की मजबूती से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि ईलआई जैसी योजनाएं गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन, औपचारिकता को गहरा करने और समावेशी विकास में मदद करेंगी।
मंत्री ने राज्यों से अपील की कि वे मीडिया ब्रीफिंग, टीवी और रेडियो इंटरव्यू के माध्यम से योजना का प्रचार करें। इस योजना का कुल बजट ₹99,446 करोड़ है, और इसका लक्ष्य दो वर्षों में देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा करना है।
यह खबर 15 जुलाई, 2025 को सुबह 03:51 बजे प्रकाशित हुई।