मौसम की पहली सत्र में कांग्रेस का मुख्य ध्यान पहलगाम आतंकवादी हमले पर रहेगा

मौसम की पहली संसद सत्र में कांग्रेस का मुख्य ध्यान पहलगाम आतंकवादी हमले पर रहेगा। इस हमले के पीछे हुई खुफिया विफलता, ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का संघर्षविराम का दावा, भारत-चीन संबंधों में नई पहल और पश्चिम एशिया में जारी अस्थिरता पर पार्टी अपनी आवाज़ उठाएगी।

इसके अतिरिक्त, बिहार में चुनावी सर्वेक्षणों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) भी कांग्रेस के प्रमुख एजेंडे में शामिल होगा।

कांग्रेस नेतृत्व अब भारत के राष्ट्रीय विकास, समावेशी गठबंधन (इंडिया) के अन्य घटकों से संपर्क करेगा और 19 या 20 जुलाई को इंडिया ब्लॉक के नेताओं की बैठक आयोजित करने एवं एक साझा एजेंडा तय करने की संभावनाओं पर विचार करेगा।

यह निर्णय मंगलवार को कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस संसदीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। बैठक में पार्टी के प्रमुख नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जो राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं, लोकसभा में राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेंगुगोपाल, चीफ व्हिप जयराम रमेश और कोडिकुनिल सुरेश भी मौजूद थे।

अन्य वरिष्ठ नेताओं में पी. चिदंबरम, मनीष तिवारी और प्रमोद तिवारी शामिल थे। रोचक बात यह है कि लोकसभा सदस्य शशि थरूर, जिनके विचार पार्टी के साथ अक्सर टकराते रहते हैं, इस बैठक में शामिल नहीं थे क्योंकि वे विदेश में थे। वहीं, गौरव गोगोई, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर जैसे कुछ सदस्य पहले से तय कार्यक्रमों के कारण उपस्थित नहीं हो सके।

श्री तिवारी ने मीडिया से कहा, “पहलागाम आतंकवादी हमला, जिसने हमारी बहनों के सिंदूर को मिटा दिया, अब तक का सबसे बड़ा हमला है। हमने सरकार से विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया था, परंतु सरकार ने उसकी अनुमति नहीं दी। इसलिए, हम इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि इस जघन्य हमले के अपराधियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया है।”

यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कांग्रेस की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी रहेगी।

प्रकाशित – 15 जुलाई, 2025, 10:46 PM IST

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