कांग्रेस की ओबीसी सलाहकार परिषद ने बेंगलुरु में 16 जुलाई को आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से ‘बेंगलुरु घोषणा’ पास की, जिसमें देशभर में जाति जनगणना कराने की माँग की गई है। इस बैठक की अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने की।
दो दिनों की विचार-विमर्श के बाद, सिद्धारमैया ने कहा कि बैठक ने भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय, यानी जनगणना आयोग से देशव्यापी जाति जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह जनगणना सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार और राजनीतिक पहलुओं को शामिल करनी चाहिए, और तेलंगाना राज्य में किए गए जाति सर्वेक्षण को आदर्श माना जाना चाहिए।
कांग्रेस की ओबीसी सलाहकार परिषद ने यह भी मांग की कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक की जाए, ताकि ओबीसी समाज को शिक्षा, सेवा, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त आरक्षण मिल सके। इसके अतिरिक्त, प्रस्ताव में संविधान के अनुच्छेद 15(5) के अनुसार निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
सिद्धारमैया ने उक्त प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि परिषद ने वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने सामाजिक न्याय के संघर्ष में साहस दिखाया और पिछड़े वर्गों के हक की आवाज उठाई।
इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
यह महत्वपूर्ण कदम सामाजिक न्याय और आरक्षण के क्षेत्र में नई दिशा निर्देशित कर सकता है।
प्रकाशित दिनांक: 16 जुलाई, 2025 | समय: 03:18 अपराह्न IST
#सामाजिक_न्याय #जाति_जनगणना #ओबीसी #रिजर्वेशन #कांग्रेस #बेंगलुरु_घोषणा #सामाजिक_समानता