सावंत मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार आठ नई विधेयकें संसद में पेश करने जा रही है। इनमें से एक महत्वपूर्ण विधेयक भू-धरोहर स्थलों और भू-आश्चर्यों (जैविक विरासत) के संरक्षण और सुरक्षा हेतु प्रस्तावित है। यह विधेयक सरकार की पर्यावरण एवं भूगोल संरक्षण की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
सामान्यतः इस सत्र में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, भू-धरोहर स्थल एवं भू-आश्चर्यों (संरक्षण एवं देखभाल) विधेयक, खनिज एवं खनिज संसाधन (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक भी शामिल हैं। यह सत्र 21 जुलाई को शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें दोनों सदनों की 21 बैठकें होंगी।
सत्र के दौरान 12 से 18 अगस्त तक रक्षा बंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों के कारण ब्रेक भी लिया जाएगा।
यह सत्र राजनीतिक हलचल और तीव्र बहस का भी केंद्र रहेगा। सरकार और विपक्ष के बीच संभावित टकराव की मुख्य बातें होंगी—बिहार में चुनावी रजिस्टर की विशेष जांच (SIR), ऑपरेशन सिंदूर, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध टलवाने के दावों पर सवाल।
इसके अतिरिक्त, मनिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, जनता का विश्वास (संशोधन) विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक भी इस सत्र में पेश किए जाएंगे।
सरकार इस दौरान आयकर विधेयक, 2025 को भी संसद के सम्मुख प्रस्तुत करने की योजना बना रही है। यह विधेयक फरवरी में लोकसभा में पेश किया गया था और एक समिति के पास विचाराधीन है। समिति ने अपना रिपोर्ट बुधवार को सौंपी है और इसे 21 जुलाई को लोकसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है।
इसके अलावा, सरकार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सकती है। साथ ही, गोवा के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व में पुन: समायोजन, मर्चेंट शिपिंग बिल, और भारतीय बंदरगाह बिल भी लंबित हैं।
यह सत्र राजनीतिक दलों के बीच तीव्र बहस और कानून निर्माण की नई दिशा तय करेगा। जनता की नज़रें इन विधेयकों पर टिकी हैं, जो देश के विकास और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे।
प्रकाशित – 16 जुलाई, 2025, 05:01 अपराह्न IST