
बायजू रविंद्रन ने 2011 में बायजूस शुरू किया, एक ऐसा ऐप जो शिक्षा को मजेदार बनाता है। लेकिन एक टीचर से $20 बिलियन की कंपनी बनाने की कहानी आसान नहीं थी। शुरुआत में, बायजू खुद क्लासरूम में पढ़ाते थे, और उनके पास ऑनलाइन कोर्स बनाने के लिए संसाधन नहीं थे।। पहली चुनौती थी तकनीक। शुरुआती ऐप में तकनीकी गड़बड़ियां थीं, और इसे ठीक करने में लाखों रुपये लगे।। दूसरी चुनौती थी मार्केटिंग। बायजू ने फ्री कोर्स और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर भारी खर्च किया, जिससे 2018 तक घाटा बढ़ गया।। 2020 में, कोविड ने ऑनलाइन शिक्षा को बूम दिया, और बायजूस का वैल्यूएशन आसमान छूने लगा।। लेकिन तीसरी चुनौती थी तेज विस्तार।। 2021 में, बायजूस ने कई कंपनियों को खरीदा, लेकिन इंटीग्रेशन में समस्याओं ने घाटे और बढ़ाए।। 2023 में, कंपनी पर 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज था, और कर्मचारियों की छँटनी शुरू हो गई।।। कानूनी विवाद और निवेशकों का दबाव ने बायजूस को संकट में डाल दिया।। आज, बायजूस फिर से अपनी रणनीति बना रहा है, लेकिन बायजू की कहानी सिखाती है कि बहुत जल्दी बड़ा बनना जोखिमों से भरा होता है।